Dhanbad News: झामुमो केंद्रीय सदस्य सह मीडिया पैनलिस्ट डॉ. नीलम मिश्रा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर धनबाद विधायक माननीय राज सिन्हा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि सच्चाई अक्सर कड़वी होती है. विधायक में अपनी राजनीतिक यात्रा की हकीकत देखने की ताकत होनी चाहिए. पीए से विधायक बनने तक का सफर कैसा है? सब जानते हैं कि ये किसी जन आंदोलन की उपज नहीं हैं. इसलिए जनहित उनकी प्राथमिकता नहीं बल्कि स्वार्थ की राजनीति उन पर हावी है।
महामहिम राष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर पुलिस लाइन में चलाए गए अतिक्रमण मुक्त अभियान में दुकानें तोड़े जाने का दुख माननीय विधायक को नहीं है बल्कि उन्हें कुछ चापलूसों और निजी लोगों के स्वार्थ की चिंता है. वे किससे जुड़े हैं. इसलिए विधायक समर्थन में विचलित हैं. हकीकत तो भाजपा के कार्यकर्ता भी जानते हैं कि माननीय लोग कुछ चापलूसों और उनके परिवारों के लिए काम करते हैं, चाहे वह काम सही हो या गलत, चाहे वह शराब हो या कोयला।
अगर माननीय विधायक को सचमुच धनबाद की जनता की चिंता है तो जब सरायढेला में दुकानों में आग लगी थी तब विधायक जी कहां थे? दर्जनों कर्मचारियों को सीएमआरआई से निकाल दिया गया था और उन कर्मचारियों ने महीनों तक विरोध प्रदर्शन किया था.
तब कहां थे विधायक? कृष्णानगर के लोगों की आवाजाही सीएमआरआई के बाहुबलियों ने इस तरह बंद कर दी है कि आपात स्थिति में एंबुलेंस भी वहां नहीं पहुंच पा रही है. स्थानीय लोग विधायक के घर का चक्कर लगाते-लगाते थक गये लेकिन विधायक को वहां तनिक भी संवेदना नहीं हुई. विधायक की हालत यह हो गई है कि दो-चार दैनिक भत्ते पर फर्जी कर्मचारी बनकर बैठने वाले बयान की सराहना हो रही है, क्योंकि भाजपा कार्यकर्ता उनके साथ नहीं हैं।
उनके व्यक्तित्व और आचरण से धनबाद की जनता के साथ-साथ भाजपा कार्यकर्ता भी परिचित हो गये हैं. रही बात नीलम मिश्रा की तो क्या आप नहीं जानते कि नीलम मिश्रा कौन हैं? तो आपके लिए ये जानना जरूरी भी नहीं है. जनता की जरूरतों को जानें उनकी आवाज सुनें, जिन लोगों ने आपको विधायक चुना है उनकी मुश्किलें जानें। निश्चित तौर पर आने वाले समय में धनबाद की देवतुल्य जनता माननीय विधायक को बता देगी कि नीलम मिश्रा कौन हैं.




















