Jharkhand News: झारखंड सरकार के एक अहम फ़ैसले ने राज्य में राजनीतिक भूचाल ला दिया है । राज्य कैबिनेट ने 24 जुलाई को आयोजित बैठक में ‘अटल मोहल्ला क्लीनिक ‘ का नाम बदलकर ‘मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लीनिक’ करने को मंज़ूरी दे दी। पूर्ववर्ती BJP सरकार द्वारा वर्ष 2019 में शुरू की गई शहरी स्वास्थ्य इकाइयों का उद्देश्य था— ग़रीब बस्तियों में रहने वाले लोगों को मुफ़्त प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना। अब इन्हें नोबेल पुरस्कार विजेता और मानव सेवा के प्रतीक मदर टेरेसा के नाम से जाना जाएगा।
कैबिनेट का फ़ैसला किया था?
• आधिकारिक पुष्टि : कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में “अटल मोहल्ला क्लीनिक योजना का नाम बदलकर मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ करने का निर्णय लिया गया ।”
• कवरेज : राज्यभर में पहले से चल रहे 140 क्लिनिक और भविष्य में खोले जाने वाले सभी क्लिनिक अब नए नाम से चलेंगे।
• अन्य फ़ैसले: इसी बैठक में झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025, पुलिस भर्ती नियमों से संसोधन और श्रावणी मेले के दौरान सुरक्षा के लिए अस्थायी बल की तैनाती समय 20 प्रस्तावों को मंज़ूरी मिली ।
सरकार का पक्ष
सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का कहना है कि मदर टेरेसा का नाम सेवा और करुणा का प्रतीक है, जो इन क्लिनिकों के उद्देश्य के अनुरूप है। पार्टी महासचिव विनोद पांडे ने कहा, “ गरीबों की सेवा करने वाले एक वैश्विक शख़्सियत के नाम पर क्लीनिक का नाम रखना ग़लत फ़ैसला हो सकता है? भाजपा का विरोध सिर्फ़ राजनीतिक है।”
विपक्ष का विरोध
BJP का प्रदर्शन: अगले ही दिन BJP कार्यकर्ताओं ने धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका और इस फ़ैसले को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का अपमान बताया।
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तीखे बयान:
• BJP प्रवक्ता अजय साह ने कहा, “ यह निर्णय संकीर्ण मानसिकता और विकृत राजनीतिक सोच को दर्शाता है।”
• नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मुंडारी ने कहा, “ यह अटल जी विरासत को मिटाने की कोशिश है, जिन्होंने झारखंड राज्य बनाया था। यह नैतिक गिरावट है।”
क्या है ये क्लीनिक?
अटल मोहल्ला क्लीनिक की शुरूआत अगस्त 2019 में झारखंड की तत्कालीन रघुवर दास सरकार ने की थी। यह योजना दिल्ली की मोहल्ला क्लीनिक मॉडल से प्रेरित थी जिसका उद्देश्य था शहरी गरीबों को उनके मोहल्लों में ही मुफ़्त प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना। इन क्लिनिकों में लोगों को मुफ़्त चिकित्सकीय परामर्श, आवश्यक दवाएं और उन्हें वापस जाँच सुविधाएं दी जाती थी। वर्तमान में राज्य के सभी चौबीस ज़िलों की शहरी बस्तियों में कुल 140 ऐसे क्लीनिक कार्यरत है।
अब सरकार ने इन क्लिनिकों को ‘मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लीनिक’ नाम देने के साथ यह भी दावा किया है कि इनमें और उन्नत स्वास्थ्य जांच सुविधाएं जोड़ी जाएंगी, जिससे यह केंद्र पहले से अधिक सक्षम बन सकें।
नामकरण पर राजनीति
यह मामला उस व्यापक राष्ट्रीय प्रवृत्ति की एक कड़ी है, जहां सरकारें सत्ता में आने के बाद योजनाओं और संस्थानों के नाम बदलती रही हैं। झामुमो का कहना है कि केंद्र सरकार भी 2014 के बाद से कई नाम बदल चुकी है, जबकि BJP का आरोप है कि यह बदलाव राजनीतिक द्वेष का परिणाम है और राज्य निर्माण में अटल जी की भूमिका को नकारता है।
स्वास्थ्य विभाग जल्द ही नए नाम से क्लिनिकों की पहचान (साइनबोर्ड, पर्ची, प्रचार सामग्री आदि) बदलने की प्रक्रिया शुरू करेगा। साथ ही ‘एडवांस’ शब्द को सार्थक बनाने के लिए विस्तारित जांच सुविधाएं जुड़ने की भी योजना है। अभी तक इसके लिए कोई अतिरिक्त बजट की घोषणा नहीं की गई है।

















