Ranchi News: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र जो आज यानी सोमवार को अपने दूसरे दिन में प्रवेश करने जा रहा था, लेकिन झारखंड आंदोलन के प्रणेता शिबू सोरेन के निधन के चलते अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
सदन की कार्रवाई की शुरूआत स्पीकर रबिन्द्रनाथ महतो द्वारा शोक प्रस्ताव पढ़ने और दिवंगत नेता के सम्मान में मौन रखने से हुई। इसके बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाए।
शिबू सोरेन, जिन्होंने झारखंड के गठन और आदिवासी अधिकारियों के लिए लंबा संघर्ष किया था उनका 3 अगस्त को देर रात निधन हो गया था। राज्य सरकार ने 4 अगस्त और 5 अगस्त को राजकीय अवकाश घोषित किया है और पूरे राज्य में झंडे आधे झुके रहेंगे।
क्या था आज का एजेंडा
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन काफी अहम माना जा रहा है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार आज वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट सदन में पेश करने जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बजट का आकार करीब ₹4000 करोड़ होने की संभावना है।
सत्तापक्ष लाएगा एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ प्रस्ताव
सदन में आज जहां अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा, वहीं सत्तारूढ़ पक्ष एसआईआर (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट) प्रक्रिया के खिलाफ भी प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। सरकार का मानना है कि इस प्रक्रिया का दुरुपयोग किया जा रहा है, जिसे लेकर सत्तापक्ष विरोध जताने वाला है।
गिग वर्कर्स के लिए कल्याण बोर्ड और कोचिंग सेंटर कानून
आज के सत्र में गिग वर्कर्स के लिए कल्याण बोर्ड के गठन का प्रस्ताव भी सदन में रखा जा सकता है। यह बोर्ड असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले डिलीवरी बॉय, कैब ड्राइवर, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वर्कर्स जैसे श्रमिकों के हितों की रक्षा करेगा।
वहीं, कोचिंग सेंटरों की मनमानी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से एक विधेयक भी सदन में पेश किया जा सकता है। यह विधेयक छात्रों और अभिभावकों के हितों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
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विपक्ष का मोर्चा तैयार, बीजेपी करेगी हमला
दूसरी ओर, विपक्ष ने भी हेमंत सोरेन सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कानून-व्यवस्था की बदहाल स्थिति, भ्रष्टाचार और धर्मांतरण जैसे ज्वलंत मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर रुख अपनाने वाली है। माना जा रहा है कि आज का सत्र तीखी नोकझोंक और आरोप-प्रत्यारोप का गवाह बन सकता है।
नजरें टिकीं आज के सत्र पर
आज का दिन झारखंड की राजनीति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। जहां एक ओर सरकार विकास योजनाओं और बजट के जरिए अपना एजेंडा आगे बढ़ाना चाहती है, वहीं विपक्ष सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने को तैयार बैठा है। देखना होगा कि सदन की कार्यवाही कितनी शांतिपूर्ण रहती है या फिर यह टकराव में तब्दील हो जाती है।


















