Darbhanga News: बिहार के दरभंगा में भारतीय जनता पार्टी के केवटी विधायक ने अपनी ही सरकार के खिलाफ आमरण अनशन शुरू कर दिया है. बीजेपी विधायक छात्र की मौत की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. वह पुलिस के रवैये से परेशान हैं. दरअसल, दरभंगा जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय में आठवीं कक्षा के छात्र की मौत के मामले में जवाहर नवोदय विद्यालय घटना में रैयाम पुलिस के खिलाफ सीबीआई जांच समेत अन्य बिंदुओं की मांग को लेकर परिजन केवटी प्रखंड मुख्यालय पर पुलिस के रवैये के खिलाफ धरने पर बैठे हैं.
एक छात्र को न्याय दिलाने के लिए अपनी ही सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना, बीजेपी विधायक अमरनाथ अंसन के समर्थन में डॉ. मुरारी मोहन झा के साथ धरने पर बैठे लेकिन सरकार और दरभंगा जिला पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. उन्होंने दरभंगा पुलिस प्रशासन की जांच पर भरोसा न करते हुए पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. इससे पहले भी बिहार विधानसभा में केवटी विधायक जतिन की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर चुके हैं.
दरअसल, पूरा मामला दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय का है. जतिन इसी स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ता था, लेकिन 8 जुलाई को असगनक जतिन का शव स्कूल के हॉस्टल में पंखे से लटका हुआ मिला. स्कूल प्रबंधन ने तब इस घटना को आत्महत्या बताया था, लेकिन जतिन के माता-पिता लगातार इस घटना को हत्या बता रहे हैं और पूरी घटना पर सवाल भी उठा रहे हैं और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
जतिन हत्याकांड – न्याय के लिए हमारे संकल्प का दूसरा दिन
आज जतिन हत्याकांड में न्याय की माँग को लेकर जारी अनिश्चितकालीन धरने के दूसरे दिन भी मैंने पीड़ित परिवार और उपस्थित जनसमूह के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहभागिता की।
मैंने पुनः स्पष्ट किया—
अपराधी कितना भी शक्तिशाली क्यों न… pic.twitter.com/4BN5mHWW36— Dr. Murari Mohan Jha (@jhamurarimohan) August 12, 2025
घटना के बाद जतिन के पिता संतोष कुमार ने स्थानीय रैयाम थाने में हत्या की प्राथमिकी भी दर्ज करायी है, लेकिन घटना के एक माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने से लोगों का धैर्य टूट गया है. इसके बाद 11 अगस्त से मृत छात्र के पिता समेत ग्रामीण केवटी प्रखंड मुख्यालय पर आमरण अनशन पर बैठे हैं. अगर जल्द न्याय नहीं मिला तो वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे.
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मृतक छात्र के पिता ने यह भी सवाल उठाया कि अगर स्कूल प्रबंधन मान भी ले कि उनके बेटे ने आत्महत्या की है, तो सवाल यह है कि बच्चे को आत्महत्या के लिए मजबूर क्यों किया गया? किसने उनके बच्चे पर इतना अत्याचार किया कि आखिरकार छोटे बच्चे ने आत्महत्या कर ली? आख़िर पुलिस ने उन दोषियों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?