Bihar News: पटना के बापू सभागार में आयोजित बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के शताब्दी समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा टोपी पहनने से इनकार करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। समारोह में मुस्लिम नेता जमाख़ान ने उन्हें टोपी पहनाने की कोशिश की लेकिन नीतीश कुमार ने उसे ख़ुद पहनने के बजाय वापस जमाख़ान को ही पहना दिया। इस घटना का वीडियो सामने आते ही बिहार की सियासत में घमासान शुरू हो गया है।
राजद और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने इस पर मुख्यमंत्री को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के अल्पसंख्यक राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी (Imran Pratapgarhi ) ने दरभंगा में तंज कसते हुए कहा कि “नीतीश कुमार शुरू से ही टोपी पहनाने का काम कर रहे थे। पहले ख़ुद पहनते थे तो भी टोपी ही पहनाते थे ,अब मना कर दिया तो भी वही काम कर रहे हैं। हो सकता है भाजपा या नरेंद्र मोदी के दबाव में उन्होंने टोपी पहनने से इनकार किया हो।”
उन्होंने आगे कहा कि अल्पसंख्यक मोर्चा को नीतीश कुमार से पूछना चाहिए कि आख़िर किन परिस्थितियों में उन्होंने यह क़दम उठाया। प्रतापगढ़ ने टोपी लौटाने को एक“राजनीतिक संकेत” बताया।
मुस्लिम वोट बैंक पर नज़र
बिहार की 10.4 करोड़ आबादी में लगभग 18 प्रतिशत मुसलमान हैं जो हमेशा से सियासत का अहम हिस्सा रहे हैं। इनमें से अधिकांश वोट परंपरागत रूप से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को मिलते रहे हैं जिस कारण राजद को एमवाई (मुस्लिम यादव) समीकरण की पार्टी कहा जाता है। हालांकि कुछ वोट जदयू और कांग्रेस के पास भी जाते रहे हैं।
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2020 के विधानसभा चुनाव में असदुधीन ओवेसी की एआईएमआईएम ने भी एंट्री की थी और पांच सीटें जीतकर मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की थी। हालांकि बाद में उसके चार विधायक राजद में शामिल हो गए।
नीतीश और मुस्लिम नाराज़गी
नीतीश कुमार अक्सर ये दावा करते हैं कि उनके कार्यकाल में बिहार में कोई बड़ा सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ, लेकिन हाल के वर्षों में अल्पसंख्यकों के बीच उनकी छवि कमज़ोर हुई है। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लगाए गए तीन तलाक़ क़ानून और वक्फ बिल का समर्थन जदयू ने किया था जिससे मुसलमानों में नाराज़गी बढ़ी। यहां तक कि नीतीश कुमार की इफ़्तार पार्टी का भी कई मुस्लिम संगठन ने विरोध किया और पार्टी पदाधिकारियों ने इस्तीफ़े तक दे दिए थे।अब “टोपी ट्रांसफर” विवाद ने इस नाराज़गी को और हवा दे दी है जिससे विपक्ष अपने पक्ष में भुनाने की पूरी कोशिश कर रहा है।