Bihar Cabinet: खबर पटना से हैं जहां सचिवालय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, जो खत्म हो गई है. बैठक में कुल 26 एजेंडों पर मुहर लगी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहारवासियों को फिर बड़ा तोहफा दिया है. उन्होंने राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज लागू करने की घोषणा की है. अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि कैबिनेट में कुल 26 एजेंडों पर मुहर लगी है.
उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने BIADA एमनेस्टी पॉलिसी 2025 के बाद अब नया बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 (BIPPP) लागू किया है. इसके तहत 40 करोड़ रुपये तक की ब्याज सब्सिडी दी जाएगी. नई इकाइयों को 14 वर्षों के लिए एसजीएसटी की स्वीकृत परियोजना लागत के 300 प्रतिशत तक प्रतिपूर्ति की जाएगी। 30 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी। निर्यात प्रोत्साहन की सीमा 14 वर्ष की अवधि के लिए 40 लाख रुपये प्रति वर्ष होगी।
इसके अलावा कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग, स्टांप शुल्क और भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति, निजी औद्योगिक पार्कों को समर्थन, पेटेंट पंजीकरण और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। एस सिद्धार्थ ने कहा कि इस नए औद्योगिक पैकेज 2025 के तहत निवेश को बढ़ावा देने के लिए मुफ्त जमीन आवंटित की जाएगी. 100 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाली और 1000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करने वाली औद्योगिक इकाइयों को 10 एकड़ तक भूमि निःशुल्क आवंटित की जाएगी।
माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक में कुल 26 एजेंडों पर लगी मुहर।@NitishKumar@BiharCabinet#BiharCabinetDecisions #BiharCabinetSecretariatDept #BiharCabinetDecisions2025 pic.twitter.com/CNqsPFw2cU
— IPRD Bihar (@IPRDBihar) August 26, 2025
एसीएस ने कहा कि औद्योगिक पैकेज 2025 के तहत लाभ लेने के लिए निवेशकों को 31 मार्च 2026 से पहले आवेदन करना अनिवार्य होगा. यह नया औद्योगिक पैकेज 2025 पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार प्रदान करने में मदद करेगा. इस पहल का उद्देश्य बिहार में अधिक उद्योगों को बढ़ावा देना, बिहार के युवाओं को कुशल और आत्मनिर्भर बनाना और राज्य के भीतर अधिक से अधिक रोजगार प्राप्त करना और उनके भविष्य को सुरक्षित करना है। साथ ही निर्यात प्रोत्साहन की सीमा 14 वर्ष की अवधि के लिए 40 लाख रुपये प्रति वर्ष होगी।
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इसके अलावा कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग, स्टांप शुल्क और भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति, निजी औद्योगिक पार्कों को समर्थन, पेटेंट पंजीकरण और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।