Bihar News: स्वछता अभियान के नाम पर सरकार लाखों रुपया ख़र्च कर रही है लेकिन ज़मीनी स्तर पर हक़ीक़त कुछ और ही है। अलीनगर प्रखंड के मोहिउद्दीनपुर पकड़ी पंचायत में 17 लाख लागत से बना कचरा भवन महज़ एक महीने में ही जर्जर हो गया है। दीवारों में दरारें पड़ चुकी हैं और मिट्टी भराई का काम अधूरा छोड़ दिया गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि यह भवन केवल कागज़ों पर मजबूत दिखाया गया है। हकीकत में यह शुरू से ही बेकार साबित हो रहा है। जानकारी के अनुसार क़रीब 8 लाख रुपये ख़र्च दिखाकर भवन का निर्माण कर दिया गया, लेकिन सफ़ाई कर्मचारी और सुपरवाइज़र की नियुक्ति कहीं नज़र नहीं आती। ऐसे में कचरा प्रबंधन का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है।
जब इस मुद्दे पर आरीनगर प्रखंड के BDO से सवाल किया गया तो उन्होंने सिर्फ़ इतना कहा कि जर्जर भवन की सूचना मुखिया को दे दी गई है। हालांकि अब तक इस मामले में कोई ठोस क़दम नहीं उठाया गया है।
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ग्रामीणों का कहना है कि जनता के पैसे से बनी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। उनका आरोप है कि यदि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो पंचायत स्तर पर इस तरह की धांधली का सिलसिला जारी रहेगा। स्पष्ट है कि लोहिया स्वछता अभियान जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचने से पहले ही बिचौलियों और ठेकेदारों की जेब में जा रहा है। अब देखना होगा कि प्रशासन कब इस मामले में सख़्त क़दम उठाता है।