Darbhanga News: अलीनगर प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय किरतपुर का जर्जर भवन जानलेवा साबित हो रहा है। लगातार टूटते- गिरते हिस्सों से भयभीत छात्रों और अभिभावकों ने बुधवार सुबह स्कूल खुलते ही परीक्षा का बहिष्कार कर जयंतीपुर- पकड़ी मुख्य मार्ग जाम कर दिया। ग्रामीण युवक रौशन यादव के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन के दौरान बिहार सरकार और शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी हुई।
जाम की वजह से राहगीरों को घंटों परेशानी झेलनी पड़ी। सूचना मिलने पर दोपहर करीब 1 बजे बीईओ रामकुमार ठाकुर, बीडीओ परमानंद प्रसाद, सीओ कुमार शिवम, प्रमुख प्रतिनिधि राजीव कुमार और मुखिया प्रतिनिधि रंजन यादव मौके पर पहुंचे।
हालांकि आक्रोशित ग्रामीण भवन निर्माण शुरू किए बिना प्रदर्शन हटाने को तैयार नहीं थे।
काफ़ी समझाने-बुझाने और आश्वासन के बाद क़रीब ढाई बजे प्रदर्शन शांत हुए। वीडियो ने भरोसा दिलाया कि मनरेगा योजना से फ़िलहाल शेड का निर्माण पठन-पठान जारी रखा जाएगा। इसके बाद जाम समाप्त कराया गया।
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स्कूल का भवन 1960 के दशक में बना था और हाल ही में एक पिलर व लिंटर गिरने से भवन पूरी तरह असुरक्षित हो गया है। बीईओ ने फ़िलहाल पास के गांव में वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात कही लेकिन ग्रामीण निजी परिसर में संचालन पर अड़े हुए हैं।
विभाग ने क्षतिग्रस्त भवन को तोड़ने के लिए कनीय अभियंता से NOC मांगी है जिसके बाद ही नीलामी प्रक्रिया पूरी कर भवन हटाया जा सकेगा।
इतिहास भी इस भवन विवाद को और जटिल बनाता है वर्ष 2008 और एक 2011 में भवन निर्माण के लिए राशि स्वीकृति हुई थी लेकिन स्थानीय वर्चस्व संघर्ष और गुटबाज़ी के कारण दोनों बार निर्माण कार्य अधर में लटक गया और विभाग को राशि वापस करनी पड़ी।
नोकिया प्रतिनिधि रंजन यादव ने तंज कसते हुए कहा, “पिछले विधानसभा चुनाव में अलीनगर का मुख्य मुद्दा डिग्री कॉलेज था लेकिन दुर्भाग्य है कि आज एक साधारण स्कूल का भवन तक नहीं बन पाया।”