Darbhanga News: बिहार सरकार की मिथिला विरोधी नीतियों के खिलाफ मिथिला स्टूडेंट यूनियन 17 सितंबर को दरभंगा जिले के विभिन्न प्रखंडों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन करेगा. संगठन का आरोप है कि सरकार की लापरवाही के कारण मिथिला क्षेत्र में दशकों से बंद पड़े चीनी मिलों, जूट मिलों, कपास मिलों और अन्य स्थानीय उद्योगों को फिर से शुरू करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.नतीजा, मिथिला के हजारों मजदूर व युवा आज भी बेरोजगारी व पलायन की समस्या से जूझ रहे हैं.
रोजगार के अवसर समाप्त हो गए
इस कार्यक्रम का नेतृत्व मिथिला स्टूडेंट यूनियन के दरभंगा जिला अध्यक्ष नीरज क्रांतिकारी ने किया. उन्होंने कहा कि मिथिला कभी उद्योग और उत्पादन का केंद्र रहा है, लेकिन वर्तमान सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से इस क्षेत्र की आर्थिक रीढ़ तोड़ने का काम किया है. चीनी मिलों, जूट मिलों और कपास मिलों जैसे उद्योगों के बंद होने से न केवल रोजगार के अवसर समाप्त हो गए बल्कि हजारों परिवारों की आजीविका पर भी खतरा मंडराने लगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सिर्फ आर्थिक सवाल नहीं बल्कि मिथिला की अस्मिता और सम्मान का भी सवाल है.
Also Read: Ranchi News: इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख एक दिन और बढ़ी
नीरज क्रांतिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बिहार सरकार जल्द ही बंद पड़े उद्योगों को चालू करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाती है तो मिथिला स्टूडेंट यूनियन आंदोलन को और तेज करेगी और जिला से लेकर राज्य स्तर तक इसका विस्तार करेगी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक मिथिला के उद्योगों को पुनर्जीवित नहीं किया जायेगा तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा. मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने कहा कि सरकार मिथिला की उपेक्षा बंद कर क्षेत्र को रोजगार और विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिए ठोस योजना बनाये.