Karva Chauth 2025: देशभर में विवाहित महिलाएं करवा चौथ का व्रत श्रद्धा और विश्वास के साथ रख रही हैं। यह व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अच्छे वैवाहिक जीवन की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
महिलाएं सुबह से बिना अन्न या जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर और अपने पतियों को देखकर व्रत तोड़ती हैं। परंपरा के अनुसार करवा चौथ के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, कहानी सुनती हैं और पूजा में करवा (मिट्टी का बर्तन) का विशेष महत्व होता है।
कहा जाता है कि इस करवा चौथ व्रत की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. इसका उद्देश्य पति-पत्नी के बीच प्यार, विश्वास और समर्पण की भावना को मजबूत करना है। बिहार, झारखंड और आसपास के इलाकों में महिलाओं में भारी उत्साह देखा गया. बाजारों में सजावट, पूजन सामग्री और शृंगार सामग्री की खूब खरीदारी हुई। शाम को महिलाएं समूह में पूजा कर चांद के दीदार का इंतजार करती दिखीं.
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