Bhagalpur News : बसंत पंचमी (Basant Panchami) आने में अभी कुछ दिन शेष बचे हैं। लेकिन इससे पहले बिहार के कई शहरी से लेकर ग्रामीण इलाकों में मां सरस्वती की प्रतिमा स्वरूप में आने लगी है। मूर्तिकार का कहना है कि ऑर्डर तो मिल रही है, लेकिन प्रतिमा निर्माण पर भी महंगाई की मार है। 5 साल में 2 गुना खर्च बढ़ने से परेशानी बढ़ गई है।
वही मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शहर में सैकड़ो जगह पर मां सरस्वती की प्रतिमा तैयार किया जा रहा है। वही प्रतिमा तैयार कर रहे मूर्तिकार रणजीत पंडित का कहना है कि प्रतिमा निर्माण में रस्सी बांस पुआल मिट्टी आदि से किया जाता है। रस्सी की कीमत 2 साल में 8000 से बढ़कर 12000 प्रति क्विंटल हो गई है। 5 साल में 150 से बढ़कर 300 हो गए। पुआल की कीमत डेढ़ सौ रुपए प्रति सैकड़ा से बढ़कर 400 हो गया है। मिट्टी 500 से ₹800 से बढ़कर 3 हजार प्रति टेलर हो गए। इसके अलावा कपड़ा रंग व साज की कीमत भी 5 साल में दुगनी से अधिक हो गई। प्रतिमा के लिए उपयुक्त मिट्टी मिलना कम हो गया। दूसरे मूर्तिकार का कहना है कि जब से हार्वेस्टर से धान की कटाई हो रही है। तभी पुआल की कीमत अधिक बढ़ गई। हार्वेस्टर वाले धान फसल की पुआल खराब हो जाता है। जो की प्रतिमा निर्माण में उपयुक्त नहीं है। पुआल भी हमलोग को आसानी से नहीं मिलता है। ढूंढना पड़ता है।
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इधर, सुल्तानगंज में भी सरस्वती पूजा को स्थानीय मुर्ती कलाकार अन्नु पाल के द्वारा जोर शोर से सरस्वती प्रतिमा की अंतिम रूप देने की तैयारी में जुट गए हैं। इसको लेकर मुर्ती कलाकार अन्नु पाल ने इस बार 25 सरस्वती प्रतिमा ही बना पाए हैं। जो अबतक में आठ सरस्वती प्रतिमा बिक चुकी है बाकी अभी तक ऑर्डर नहीं मिला है। उसका कहना है कि। सरस्वती प्रतिमा अगर कोई लेना चाहें वह हमारे पाल कला केंद्र कुम्हार गली,लाल कोठी के पास आकर संपर्क कर सकते हैं।
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जानिए भागलपुर शहर के किस किस इलाके में तैयार हो रहे हैं प्रतिमा —
बता दे कि रामसर, अंबय, दीपनगर, आदमपुर, बड़ी खंजरपुर, कला केंद्र, तिलकामांझी, ईशाकचक, मिरजानहाट रोड, मारूफचक, नाथनगर, सबौर समेत शहर के सौ से अधिक स्थानों पर प्रतिमाओं का निर्माण हो रहा है। भागलपुर में बनी प्रतिमा भागलपुर के विभिन्न प्रखंड व बांका जिले के कई क्षेत्रों के श्रद्धालु ले जाते हैं। नदिया के मूर्तिकार तरुण पाल ने बताया कि वह सालों भर किसी न किसी देवी-देवता की प्रतिमा का निर्माण करते रहते हैं। यही जीविका का साधन भी है। लेकिन महंगाई ने कमर तोड़ दी है। मुनाफा में मैनेज करके प्रतिमा का ऑर्डर ले रहे हैं। पहले से प्रतिमा निर्माण 50 प्रतिशत तक घट गया है।