Phulhar Girja Asthan Mandir Madhubani : मधुबनी जिले के भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र स्थित हरलाखी प्रखंड के फुलहर गिरिजा स्थान का अस्तित्व रामायण काल से ही है। यह स्थान नेपाल के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जनकपुर धाम से जुड़ा हुआ है। यह वही पवित्र स्थान है जहां माता सीता और भगवान श्री राम की पहली बार मुलाकात हुई थी। जब राम-लक्ष्मण विश्वामित्र जी के साथ फुलहार आये तो उन्हें फूल तोड़ने के लिए ताड़क पुष्पवाटिका उद्यान में भेजा गया। उसी समय सीता जी भी अपनी सहेलियों के साथ वहाँ आ गयीं। स्थानीय पुजारी के अनुसार, सीता की सहेलियों ने राम के तरकश में रखे तीन तीरों को देखने की इच्छा व्यक्त की।
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सीता जी ने अपनी दैवीय शक्ति से उस बाण को वहीं रख दिया, जो रामायण काल से लेकर आज तक वहीं रखा हुआ है। फुलहर गिरिजा स्थान राजा जनक के कुल देवता का मंदिर था। माता सीता प्रतिदिन जनकपुर से आकर बाघ ताड़क में स्नान करती थीं और पुष्प वाटिका से फूल तोड़ती थीं और माता गिरिजा की पूजा करती थीं।
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महाकवि तुलसीदास ने रामचरितमानस में फुलहर गिरिजा स्थान और बाघ ताड़क पुष्पवाटिका का भी उल्लेख किया है। हर साल यहां परिक्रमा का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस वर्ष परिक्रमा का आयोजन 2 मार्च को किया जाएगा। यहां भारत और नेपाल दोनों देशों से श्रद्धालु नियमित रूप से दर्शन के लिए आते हैं।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के दौरान फुलहर स्थान को पर्यटन स्थल घोषित किया था. शासन ने 31 करोड़ 13 लाख 55 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इस राशि से ताड़क पुष्प वाटिका से लेकर माता गिरिजा की पवित्र भूमि तक उद्यान का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
इस विकास से मिथिला क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। इस फैसले पर स्थानीय निवासियों और नेपाल से आने वाले श्रद्धालुओं ने खुशी जताई है. यह परियोजना मिथिला-मधुबनी क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।
पिंकी झा | मधुबनी