Ranchi News : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन (Hemant Soren) ने अपनी सरकार के 4 वर्ष पूरे होने पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि वर्तमान राज्य सरकार का ठीक तरह से गठन भी नहीं हुआ था और देश-दुनिया में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण ने दस्तक दी।

वैश्विक महामारी के चलते देश में लंबे समय तक लॉकडाउन लगा रहा। झारखंड देश के पिछड़े राज्यों में गिना जाता है वैसी स्थिति में कोरोना जैसी आपदा राज्य के लिए अभिशाप जैसी थी।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन(Hemant Soren) ने कहा कि हमारी सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के समय भी अन्य राज्यों के अपेक्षा झारखंड में बेहतर कार्य किया तथा गरीब, मजदूर, किसान सहित सभी को सुरक्षा प्रदान करते हुए महामारी का डटकर सामना किया। वैश्विक महामारी के चपेट में आकर हमारे मंत्रिमंडल के दो मंत्री भी शहीद हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही वैश्विक महामारी का बादल छटा, हमारी सरकार ने वादों के अनुरूप राज्य को एक नई दिशा देने का प्रयास किया। उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज कांके रोड, रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय परिसर में आयोजित पत्रकार संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार पूरे झारखंडियों की सरकार है। शुरुआती दिनों से ही हमारी सरकार ने राज्य के हर वर्ग, हर समाज को लेकर आगे बढ़ाने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार” राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण और प्रभावी अभियान रहा है। इस अभियान के तहत हम विकास की राह में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे हैं। 29 दिसंबर 2023 को इस अभियान के तीसरे चरण का अंतिम पड़ाव है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का सबसे पिछड़ा राज्य होने के वजह से यहां आर्थिक, शैक्षणिक स्तर पर सहित कई विषमताएं रही हैं। हमारी सरकार “आपकी-योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार” अभियान के माध्यम से इन विषमताओं पर काम करने का पुरजोर कोशिश हुई है।आगे भी करती रहेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में 80% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। मेरा मानना है कि राज्य का सर्वांगीण विकास तभी संभव है जब हम गांव को मजबूत करेंगे,जब गांव मजबूत होगा तभी शहर और राज्य मजबूत होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है कि हम झारखंड के गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर राज्य के माथे पर जो पिछड़ेपन का टैग लगा है उसे हटाने में जरूर कामयाब होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 20-25 में झारखंड युवा राज्य की गिनती में शुमार हो जाएगा।पिछले 20 वर्षों में इस राज्य को पूर्व सरकारों से जितनी अपेक्षाएं थीं उसके मुताबिक पूर्ववर्ती सरकारी बिल्कुल खरी नहीं उतर पाई यही वजह है कि आज झारखंड पिछड़ेपन का दंश झेल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में झारखंड में ऐसे कोई काम नहीं हुआ जिसके भरोसे आज हम हर चुनौती से लड़ने का सामना रखते हों, लेकिन धीरे-धीरे ही सही हमारी सरकार झारखंड की जड़ को मजबूत करने पर लगी है। आने वाले कुछ वर्षों में हम इस राज्य को अपने बल पर खड़ा करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य में महत्वपूर्ण राज्य सरकार के अंश के रूप में कार्य कर रहे कर्मचारियों, पुलिस कर्मियों, शिक्षकों आंगनबाड़ी कर्मियों सहित कई वर्ग के अनुबंधकर्मियों की पुरानी मांगों को पूरा करने का काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश में सरकार के कर्मियों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग को लेकर सड़कों पर आंदोलन किया है। झारखंड(Jharkhand) देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पुरानी पेंशन योजना लागू हुई है। हमारी सरकार ने झारखंड में सर्वजन पेंशन योजना लागू करने का काम कर दिखाया है। सर्वजन पेंशन योजना लागू करने वाला झारखंड पूरे देश में पहला राज्य है। वर्तमान समय में हमारे राज्य में 60 वर्ष से ऊपर सभी बुजुर्ग महिला-पुरुष, विधवा, दिव्यांगो को सामाजिक सुरक्षा से जोड़ने का कार्य कर दिखाया है। हमारी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा को प्राथमिकता में लेकर इसके दायरे को बढ़ाने पर बल दिया है।