Midday Meal scam: पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोवामुंडी प्रखंड के नवागांव में एक सरकारी स्कूल में मिड डे मील खाने के बाद 16 बच्चे बीमार हो गए। इनमें से एक बच्ची की मौत हो गई है, जबकि 10 बच्चों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। यह घटना गुरुवार की शाम को हुई जब भोजन के कुछ समय बाद बच्चों को उल्टी और दस्त की शिकायत होने लगी, जिससे उनकी हालत बिगड़ने लगी।
छह वर्षीय बच्ची की मौत
इस घटना में छह वर्षीय बच्ची आयुषी गोप की मौत हो गई। इस हृदयविदारक घटना के बाद गांव में मातम छा गया है। अन्य बीमार बच्चों का इलाज जगन्नाथपुर और नोवामुंडी अस्पतालों में किया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो मांझी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और कैंप लगाकर प्रभावित बच्चों और अन्य ग्रामीणों का इलाज किया।
स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई
सिविल सर्जन ने जानकारी दी कि कुल 15 बच्चे प्रभावित हुए हैं, जिनमें से पांच बच्चों का नोवामुंडी अस्पताल में और चार बच्चों का जगन्नाथपुर अस्पताल में इलाज चल रहा है। बाकी बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद दवाइयाँ दी गई हैं और उनकी हालत स्थिर है।
फूड पॉइजनिंग का संदेह
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यह मामला फूड पॉइजनिंग का हो सकता है, क्योंकि केवल स्कूल जाने वाले बच्चे ही बीमार पड़े हैं। फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग ने मिड डे मील के खाने के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
प्रशासन की अपील
इस घटना के बाद प्रशासन ने स्कूलों में मिड डे मील की गुणवत्ता की सख्त जांच के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन ने अभिभावकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
ग्रामीणों में आक्रोश
इस घटना से गांव के लोगों में भारी आक्रोश है। स्थानीय लोगों ने सरकार से इस मामले की गहन जांच करने और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। स्कूल प्रशासन और मिड डे मील योजना के तहत भोजन की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं।