Jharkhand land scam case : झारखंड में जमीन घोटाले (land scam case) के हाई-प्रोफाइल मामले में एक बड़ा फैसला सामने आया है। झारखंड हाई कोर्ट ने कोलकाता रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मचारी तापस घोष की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। तापस घोष पर झारखंड के बड़गांई अंचल की 8.86 एकड़ जमीन से जुड़े फर्जीवाड़े में गहरी संलिप्तता का आरोप है।
इससे पहले विशेष पीएमएलए (PMLA) कोर्ट ने भी उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया था। लेकिन यहां भी उन्हें राहत नहीं मिली।
तापस घोष, जो कोलकाता स्थित ‘द रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस’ कार्यालय में कार्यरत हैं, पर कार्यालय से जमीन के मूल दस्तावेज गायब करने और उनकी जगह फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप है। इसी फर्जीवाड़े के जरिए जमीन पर अवैध कब्जा कर उसकी खरीद-बिक्री की गई।
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने इस मामले की गहन जांच के बाद 9 मई 2024 को कोलकाता रजिस्ट्री ऑफिस के तापस घोष, संजीत कुमार और हजारीबाग के डीड राइटर इरशाद अख्तर को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि ये आरोपी फर्जी दस्तावेज तैयार करने और उन्हें वैध रूप देने के मास्टरमाइंड हैं।
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ईडी ने इस मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भानु प्रताप प्रसाद, अंतू तिर्की, बिपिन सिंह, मोहम्मद इरसाद, प्रियरंजन सहाय, अफसर अली, सद्दाम हुसैन समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। झारखंड लैंड स्कैम में इस कार्रवाई को एक अहम मोड़ माना जा रहा है, जो सत्ता के गलियारों तक पहुंचने वाले इस घोटाले की गंभीरता को उजागर करता है।