Madhubani: पश्चिम बंगाल में हिंदू समुदाय पर कथित अत्याचार और हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शुक्रवार को मधुबनी में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान विहिप कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम मधुबनी जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने और कानून-व्यवस्था सेना को सौंपने की मांग की गई।
धरना स्थल पर वक्ताओं ने आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के विरोध के नाम पर मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा सुनियोजित हिंसा भड़काई गई। वक्ताओं का कहना था कि इस हिंसा में सैकड़ों हिंदू परिवारों के घर और दुकानें जला दी गईं, कई लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई और महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया।
विहिप नेताओं ने आरोप लगाया कि यह हमला केवल कानून विरोध नहीं, बल्कि मुर्शिदाबाद को “हिंदू विहीन” करने की गहरी साजिश है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार दंगाइयों को संरक्षण दे रही है और राज्य की कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
धरने में विहिप के जिलाध्यक्ष आदित्य सिंह, जिला मंत्री पंकज मेहता, बजरंग दल संयोजक तरुण राठौर, त्रिलोक झा, अमरनाथ प्रसाद, जन्मेजय सिंह, अजय प्रसाद, मनोज कुमार मुन्ना और मिथिलेश झा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।
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प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि पश्चिम बंगाल में एनआईए द्वारा जांच कराई जाए, केंद्रीय बलों की तैनाती से कानून-व्यवस्था बहाल की जाए और भारत-बांग्लादेश सीमा पर तारबंदी कर अवैध घुसपैठ को रोका जाए।
प्रदर्शन के अंत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला जलाकर विरोध दर्ज कराया गया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह देश की एकता, अखंडता और सांप्रदायिक सौहार्द की रक्षा के लिए त्वरित और कठोर कदम उठाए।