Darbhanga News: मिथिला की उपेक्षित पहचान, सांस्कृतिक विरासत और संवैधानिक अधिकारों की पुनः प्राप्ति को लेकर अब निर्णायक लड़ाई की शुरुआत हो चुकी है। इसी उद्देश्य को लेकर आगामी 24 मई को लहेरियासराय स्थित पोलो मैदान में ‘मिथिला अधिकार युवा सम्मेलन’ का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आज धरना स्थल, लहेरियासराय में संपन्न हुई।
बैठक की अध्यक्षता दरभंगा विधानसभा प्रभारी अभिषेक कुमार झा ने की, जबकि संचालन मिथिलावादी नेताओं अर्जुन कुमार और शिवमोहन झा ने किया। बैठक में दर्जनों युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भाग लेकर सम्मेलन की रूपरेखा तय की।
अभिषेक कुमार झा ने कहा, “यह सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि मिथिला की खोती हुई पहचान और अधिकारों की वापसी का सशक्त आंदोलन है। हमारा उद्देश्य है कि युवा संगठित होकर इस ऐतिहासिक अभियान में अपनी निर्णायक भूमिका निभाएं।”
बैठक में निर्णय लिया गया कि सम्मेलन में मिथिला की भाषा, संस्कृति, आर्थिक पिछड़ापन और संवैधानिक अधिकारों से जुड़े विषय मुख्य मुद्दे होंगे। इसके अलावा शहर के विभिन्न वार्डों में व्यापक जनसंपर्क अभियान, पोस्टर-बैनर, सोशल मीडिया प्रचार और जनजागरण गतिविधियाँ चलाई जाएंगी। सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रमुख वक्ताओं की सूची भी जल्द ही जारी की जाएगी।
मिथिलावादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश भारद्वाज ने अपने संबोधन में कहा, “मिथिला को वर्षों से उसके हक से वंचित रखा गया है। अब समय आ गया है कि युवा अपनी मिट्टी के सम्मान के लिए खड़े हों और मिथिला को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए निर्णायक कदम उठाएं।”
बैठक में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि हर सरकार ने मिथिला को नजरअंदाज किया है, इसलिए अब समय आ गया है कि संगठित युवा शक्ति के बल पर मिथिला अपने अधिकार को हासिल करे। उन्होंने युवाओं से इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की।
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बैठक में प्रमुख रूप से शिवमोहन कुमार झा, राजीव कुमार राम, विमल कुमारी, अभिषेक बस्कटिया, प्रिंस कुमार, रोहित तिवारी, सोनू पासवान, बिट्टू पासवान, अंकित कुमार, अजय राम, रजत रंजन, अविनाश सतपति सहित कई युवा चेहरे शामिल हुए।
सभी ने यह संकल्प लिया कि 24 मई का यह सम्मेलन मिथिला के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा और इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए वे तन, मन, और धन से योगदान देंगे।