Bangladeshi infiltration case: रांची में ईडी के कारवाई पर भाजपा प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र राय(Dr. Ravindra Rai)ने कहा बांग्लादेशी घुसपैठ (Bangladeshi infiltration) राष्ट्रीय समस्या है जो हमारे देश को कमजोर करने के लिए रास्ता बनाया है। कुल मिलाकर ये राष्ट्र विरोधी गतिविधि है।यहां के सामाजिक जीवन को ध्वस्त कर रहा है।लेकिन हमारे राष्ट्रीय जीवन के लिए भी खतरा बन गया है।
झारखंड में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में ईडी की छापेमारी
मै समझता हूं कुछ लोग है जो संरक्षण देने का काम कर रहे हैं। तुष्टिकरण के राजनीति करने वाले राजनेता है। जो आज इंडिया गठबंधन के नाम पर चल रहे है।उनको वोट बैंक के रूप में देख रहे हैं।मै समझता हूं बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ जो कारवाई हुई है उसको सभी को सपोर्ट करना चाहिए ये देश हित में है और समाज हित में है। झारखंड में तो सामाजिक और भौगोलिक स्थिति के साथ-साथ डेमोग्राफी के लिए भी खतरा बन गया है।ये कारवाई तो और तेजी से होना चाहिए।बल्कि मै तो ये भी कहूंगा कि इसे एक अभियान के रूप में चलाना चाहिए।
वहीं छापेमारी के समय पर उन्होंने कहा कि चुनाव तो लोकतंत्र का एक त्यौहार है और 5 साल में होता रहता है।लेकिन राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे को चुनाव के साथ नहीं जोड़ना चाहिए।चुनाव के समय घुसपैठ होगा और जवानों पर हमला होगा तो क्या कारवाई नहीं होगी। घुसपैठियों तो ऐसे भी चुनाव को एक मौके के रूप में देखते है और उन्हें लगता है कि अपने मंसुबे के फायदा उठा कर घुसना चाहते है। ऐसे में ये कारवाई को चुनाव से नहीं जोड़ना चाहिए।
भारत में कितने बांग्लादेशी हैं?
हाल ही में एनडीए सरकार में गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने यह आंकड़ा करीब 20 मिलियन बताया है। 2001 की जनगणना के अनुसार, भारत में 3,084,826 लोग बांग्लादेश से आए थे। अवैध अप्रवासियों के बारे में कोई विश्वसनीय संख्या फिलहाल उपलब्ध नहीं है।
बांग्लादेश में मुस्लिम आबादी कितनी है?
बांग्लादेश की 2022 की जनगणना में सबसे बड़े अल्पसंख्यक हिंदुओं की जनसंख्या 1.31 करोड़ से कुछ ज्यादा थी, जो देश की आबादी का 7.96 सबसे बड़ा अल्पसंख्यक हिस्सा हैं. अन्य अल्पसंख्यक (बौद्ध, ईसाई, आदि) मिलकर 1 फीसदी से भी कम हैं. बांग्लादेश की 16.51 करोड़ आबादी में से 91.08 फीसदी मुसलमान हैं.
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