Internation News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने त्रिनिदाद एवं टोबैगो दौरे के दौरान कोउवा स्थित नैशनल साइक्लिंग त्रिनिदाद वेलोड्रोम में एक विशेष समुदायिक कार्यक्रम में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया।इस दौरान उन्होंने रामायण , भगवान श्रीराम और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों की भावना से जुड़ी बातों को भोजपुरी में प्रस्तुत कर लोगों का दिल जीत लिया।
प्रधानमंत्री ने कहा की त्रिनिदाद एवं टोबेगो में भारतीय समुदाय की यात्रा साहस ,संघर्ष और धैर्य की मिसाल रही है ।उन्होंने कहा ,”आपके पूर्वजों ने जो कष्ट सहे ,वे दुनिया की सबसे मज़बूत लोगों को भी तोड़ सकते थे ,लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।” उन्होंने इसे भारतीय आत्मा की ताक़त बताया ।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने भारतीय मूल के लोगों की भावनाओं को छूते हुए भोजपुरी भाषा में संवाद किया । उन्होंने रामायण का उल्लेख करते हुए कहा:
“180 साल बितल हो…
मन न भूलल हो…
भजन राम के,
हर दिल में गुंजल हो…”
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प्रधानमंत्री के इन शब्दों ने पूरे सभा स्थल को भावुक कर दिया और लोग ज़ोरदार तालियों और जय श्रीराम के नारों से झूम उठे । मोदी ने यह भी कहा कि उन्हें पता है कि इस देश में बसे लोगों का भगवान श्रीराम में अटूट विश्वास है,और यही श्राद्ध पीढ़ियों से क़ायम है ।
उन्होंने रामचरितमानस की एक चौपाई सुनाकर यह संदेश भी दिया कि भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच सांस्कृतिक रिश्ता केवल भौगोलिक दूरी से प्रभावित नहीं होता -बल्कि यह दिल से दिल का जुड़ाव है। प्रधानमंत्री का यह भाषण सोशल मीडिया पर भी तेज़ी से वायरल हो रहा है, जहां लोग उनकी भोजपुरी शैली और रामायण के प्रति सम्मान को सराह रहे हैं ।