Rajgir News: युवा कांग्रेस नेता संजीव कुमार बिट्टू ने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाये जा रहे मतदाता सत्यापन अभियान का विरोध किया है. इसे दलित और अति पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं के खिलाफ ‘राजनीतिक साजिश’ करार दिया गया है. संजीव कुमार बिट्टू ने कहा कि चुनाव आयोग का काम समावेशी लोकतंत्र को बढ़ावा देना है न कि आम मतदाताओं को बेवजह परेशान करना. मौजूदा सरकार इसलिए घबराई हुई है क्योंकि दलित और अति पिछड़ा वर्ग अब राहुल गांधी के नेतृत्व पर भरोसा जता रहा है.
इसलिए जानबूझकर उनका नाम मतदाता सूची से हटाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले चुनाव में फर्जी वोटरों को जोड़कर नतीजों को प्रभावित किया गया था. इस बार बिहार में ठीक इसका उल्टा हो रहा है. असली वोटरों को हटाकर नतीजे बदलने की कोशिश की जा रही है. संजीव कुमार बिट्टू ने चुनाव आयोग द्वारा स्वीकृत 11 दस्तावेजों की सूची पर भी सवाल उठाया.
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उन्होंने कहा कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड और मनरेगा जॉब कार्ड जैसे महत्वपूर्ण पहचान पत्रों को मान्यता नहीं दी गई है. जब मोदी जी ने आधार को ‘सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत पहचान पत्र’ कहा था, तो अब चुनाव आयोग इससे इनकार क्यों कर रहा है?