Bihar News: बिहार के दरभंगा व्यवहार न्यायालय से एक बड़ी ख़बर सामने आई है। प्रभारी सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर की अदालत ने दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH ) की अधीक्षक और सिंहवाड़ा थानाध्यक्ष के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है। अदालत ने यह कड़ा क़दम अपने आदेशों की लगातार अनदेखी पर उठाया है।
DMCH अधीक्षक पर कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार अदालत ने जेल में बंद आरोपियों की ज़मानत याचिकाओं पर सुनवाई के लिए इंजरी रिपोर्ट मंगाई थी। लेकिन निर्धारित समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई और इसके न भेजे जाने का कोई कारण भी अदालत को नहीं बताया गया। इस आदेश की अवमानना मानते हुए न्यायालय ने अधीक्षक के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी कर दिया। अदालत ने वारंट बेंता थाना अध्यक्ष को सौंपा है और निर्देश दिया है कि इसे 28 अगस्त तक निष्पादित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
सिंहवाड़ा थानाध्यक्ष पर सख्ती
इसी तरह सिंहवाड़ा थानाध्यक्ष को भी अदालत ने आदेश दिया था कि थाना कांड संख्या 133/2025 की केस डायरी (कांड दैनिक) जमा करें। अदालत के बार-बार आदेश देने के बावजूद केस डायरी पेश नहीं की गई, जिसके कारण आरोपी की ज़मानत याचिका 1 जुलाई से लंबित है।
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इस पर अदालत ने थानाध्यक्ष के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया और मामले के अनुसंधानकर्ता पर ₹10,000 का जुर्माना लगाया। साथ ही दरभंगा SSP को निर्देश दिया गया है कि 1 सितंबर 2025 तक केस डायरी अदालत में प्रस्तुत करें।
अदालत का संदेश
न्यायलय ने स्पष्ट किया है कि आदेशों का पालन न करना न्यायिक प्रक्रिया में बाधा है। चाहे अधिकारी चिकित्सा विभाग के हों या पुलिस विभाग के, कोर्ट के आदेश की अवहेलना पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।