Patna News: पटना सरकार के शिक्षा विभाग में अपार मुख्य सचिव (ACS) पद पर तैनात वरिष्ठ IAS अधिकारी डॉ. एस सिद्धार्थ ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए वीआरएस ( Voluntary Retirement Scheme) के तहत स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है। यह फ़ैसला राज्य की राजनीति में एक नए घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है, जिससे उनके चुनावी राजनीति में क़दम रखने की अटकलें तेज हो गई है।
सूत्रों के अनुसार डॉ. एस सिद्धार्थ ने 17 जुलाई को अपना VRS आवेदन राज्य सरकार को सौंपा है। फ़िलहाल ये आवेदन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास विचाराधीन है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद उनके VRS को अंतिम मंज़ूरी मिलेगी।
डॉ. सिद्धार्थ 1991 बैच के IAS अधिकारी हैं और बिहार प्रशासन में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। शिक्षा विभाग में अपनी भूमिका के दौरान उन्होंने राज्य की शिक्षा व्यवस्था में कई सुधारात्मक पहलें कीं । उनके कार्यकाल के दौरान बिहार में विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षक बहाली प्रक्रिया और डिजिटल शिक्षा जैसे मुद्दों पर विशेष ज़ोर दिया गया।
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चुनाव लड़ने की अटकलें
डॉ. एस सिद्धार्थ के VRS लेने के फ़ैसले के बाद अब ये चर्चा जोरों पर है कि वे आगामी विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव में किसी राजनीतिक पार्टी से मैदान में उतर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि वे दरभंगा या पटना क्षेत्र की किसी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एस सिद्धार्थ की प्रशासनिक पृष्ठभूमि और लोकप्रियता उन्हें एक मज़बूत उम्मीदवार बना सकती हैं। उनके राजनीति में आने से राज्य के प्रशासनिक अनुभव को राजनीतिक मंच पर नई दिशा मिल सकती है।
सरकार की प्रतिक्रिया
फ़िलहाल बिहार सरकार या शिक्षा विभाग की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्णय के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगी। यदि उनका VRS स्वीकार हो जाता है तो वे राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल होते हैं, तो यह बिहार की राजनीति में एक अहम बदलाव का संकेत हो सकता है ।











