Ranchi News: 2024 की पहली किरण ने झारखंड की राजनीति में नई चमक बिखेर दी है. गिरिडीह के गांडेय से JMM विधायक सरफराज अहमद ने 31 दिसंबर को अपना इस्तीफा भेज दिया और स्पीकर ने उनके इस्तीफे को 31 दिसंबर के प्रभाव से ही स्वीकार भी कर लिया. 31 दिसंबर को रविवार होने की वजह से इस बाबत अधिसूचना आज जारी कर दी गई है.

अब सवाल है कि गांडेय के विधायक सरफराज अहमद ने अचानक इस्तीफा क्यों दिया. राजनीति के जानकारों का कहना है कि यह एक सोची समझी प्लानिंग का हिस्सा है. दरअसल, ED ने अपना शिकंजा कस दिया है. CM Hemant Soren के नाम सातवां समन जारी कर ईडी ने स्पष्ट कर दिया था कि आप खुद ही दो दिन के भीतर बताएं कि लैंड स्कैम मामले में आपका बयान कहां दर्ज किया जाए. स्थान और समय तक तय करने का अधिकार CM को दिया गया था. वह डेडलाइन 31 दिसंबर को ही समाप्त हो गया है. ईडी ने अपने समन में स्पष्ट कर दिया था कि पीएमएलए, 2002 की धारा 50 के तहत आपको बयान दर्ज कराने का अंतिम मौका दिया जा रहा है. अगर आप इसको नहीं मानते हैं तो यह समझा जाएगा कि आप जानबूझकर जांच को प्रभावित कर रहे हैं.

जानकारों का कहना है कि CM Hemant Soren अपने प्लान बी पर काम कर रहे हैं. भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने भी एक्स हैंडल से ट्वीट किया है और बताया है कि सीएम हेमंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे और झारखंड की अगली मुख्यमंत्री उनकी पत्नी कल्पना सोरेन होंगी.

Dr Nishikant Dubey

गांडेय में मुस्लिम, आदिवासी वोट होता है निर्णायकः गांडेय सीट कई मायनों में JMM के लिए सबसे मुफीद सीट है. यहां जीत और हार तय करना आदिवासी और मुस्लिम वर्ग के हाथ में होता है. सरफराज अहमद 2005 में राजद से इस सीट से चुनाव लड़े थे लेकिन JMM के सालखन सोरेन ने उन्हें हरा दिया था. 2009 में सरफराज अहमद कांग्रेस से ही चुनाव लड़े और उन्होंने 2005 की हार का बदला सालखन सोरेन से ले लिया था. 2014 में फिर सरफराज अहमद कांग्रेस की टिकट पर मैदान में उतरे थे लेकिन मोदी लहर में BJP के जेपी वर्मा ने बाजी मार ली थी. इस चुनाव में सरफराज अहमद तीसरे स्थान पर थे. लेकिन 2019 के चुनाव में यह सीट गठबंधन के तहत JMM के खाते में चली गई तो सरफराज अहमद कांग्रेस छोड़कर झामुमो में आ गये और जीत दर्ज की.

इससे साफ है कि पूरी प्लानिंग तय हो चुकी है. झारखंड में झामुमो, राजद और कांग्रेस का गठबंधन है. साथ ही लेफ्ट का सहयोग भी है. इसलिए यह तय माना जा रहा है कि CM Hemant Soren कभी भी त्यागपत्र दे सकते हैं. उनकी जगह उनकी पत्नी कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) ले सकती हैं. चुकि एक बार मुख्यमंत्री रहते शिबू सोरेन जैसे नेता तमाड़ सीट से चुनाव हार गये थे, लिहाजा, उन तमाम समीकरणों को देखते हुए गांडेय सीट को जीत के लिए सबसे मुफीद माना जा रहा है. जाहिर है कि साल 2024 में झारखंड की राजनीति 360 डिग्री पर घूमने वाली है.