Dhanbad News: धनबाद ज़िले के बाघमारा प्रखंड अंतर्गत केसरगढ़ इलाक़े में मंगलवार देर शाम एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां अवैध खनन के दौरान ज़मीन धंस गई। हादसे में एक दर्जन से अधिक मज़दूरों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार अब तक 10 से ज़्यादा लोगों की मौत की पुष्टि के संकेत मिले हैं। हालांकि प्रशासन ने आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है।
कैसे हुआ हादसा?
सूत्रों के अनुसार यह घटना BCCl(Bharat Coking Coal Limited) की बंद पड़ी खदान संख्या 2 के अंतर्गत हुई, जहां लंबे समय से अवैध खनन का सिलसिला जारी था। बताया जा रहा है कि मंगलवार को भारी संख्या में मज़दूर भूमिगत सुरंग में खनन कार्य कर रहे थे। तभी अचानक चाल (खनन सुरंग) धंस गई। अंदर काम कर रहे मज़दूर मलबे में फंस गए और कुछ के बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा।
स्थानीय लोगों ने शुरू किया राहत कार्य
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीणों और मज़दूर के परिजनों ने ख़ुद राहत और बचाव कार्य शुरू किया। कई लोगों को गंभीर हालत में बाहर निकाला गया, जिन्हें नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घटनास्थल पर चीख-पुकार और अफ़रा-तफ़री का माहौल बना हुआ है ।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर जिला प्रशासन और कोयला कंपनियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लंबे समय से केसरगड़ इलाक़े में अवैध खनन की गतिविधियां चल रही थीं, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन और माफ़िया के बीच मिलीभगत के चलते ही यह हादसा हुआ।
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पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलने पर बाघमारा पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और BCCL के अधिकारी मौक़े पर पहुंचे। फ़िलहाल NDRF और आपदा राहत टीमों को बुलाया गया है और बचाव अभियान जारी है। अधिकारियों का कहना है कि मलबे में दबे लोगों की तलाश जारी है और इस स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।
धनबाद के DC ने कहा,
“ हमारी पहली प्राथमिकता मलबे में फँसे लोगों को निकालना है। अवैध खनन की जांच की जाएगी और दोषियों पर सख़्त कार्रवाई की जाएगी।”
कोयला माफ़िया की हक़ीक़त
धनबाद को देश की कोयला राजधानी कहा जाता है, लेकिन यहां कोयले से जुड़ा अवैध कारोबार वर्षों से एक ख़तरनाक जाल बना हुआ है। कोयला माफ़िया द्वारा बंद पड़ी खदानों में लगातार अवैध खनन कर मज़दूरों की जान जोखिम में डाली जाती है। मज़दूरों को बेहद कम मज़दूरी देकर असुरक्षित खनन में झोंक दिया जाता है, और हादसों के बाद उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं होता।
केसरगढ़ हादसा सिर्फ़ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि झारखंड के कोयला क्षेत्रों में फैले भ्रष्टाचार, प्रशासनिक उदासीनता और माफ़िया तंत्र की भयावह तस्वीर है। जब तक इन अवैध गतिविधियों पर प्रभारी रोक नहीं लगाई जाती। तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे और निर्दोष जानें यूही मलबे में दफ़न होती रहेंगी।