Darbhanga News: दरभंगा में फ़र्ज़ी ड्राइविंग लाइसेंस रैकेट मामले में बड़ा मोड़ आ गया है। जिला के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जुनैद आलम की अदालत ने तत्कालीन जिला परिवहन पदाधिकारी शशि शेखरम और 4 अन्य कर्मचारियों के खिलाफ ग़ैर ज़मानती गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है। इनमें लिपिक कुमार गौरव डाटा एंट्री, ऑपरेटर रूपेश कुमार, प्रोग्रामर बिक्रमजीत प्रताप और एक अन्य कर्मी शामिल हैं। अदालत ने यह आदेश 31 जुलाई 2025 को लहेरियासराय थाना कांड संख्या 32/25 के तहत दिया था।
आठ दिन बाद भी पुलिस के हाथ ख़ालीfake DL
वारंट जारी हुए आठ चुके हैं लेकिन पुलिस अब तक किसी भी आरोपी को गिरफ़्तार नहीं कर पाई है। मामूली मामलों में पुलिस की त्वरित कार्रवाई देखने को मिलती है मगर संगीन आरोपों में फंसे एक के राजपत्रित अधिकारी और सरकारी कर्मचारियों की गिरफ़्तारी में लहेरियासराय थाना की सुस्ती सवाल खड़े कर रही है।
मामला कैसे शुरू हुआ
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश और परिवहन विभाग पटना के अनुरोध पर जिलाधिकारी दरभंगा ने एडीटीओ को FIR दर्ज करने का निर्देश दिया। इसके बाद 15 जनवरी 2025 को तत्कालीन DTO और तीन कर्मचारीयों के ख़िलाफ़ गंभीर धाराओं में FIR दर्ज हुई। आरोप है कि इन लोगों ने बहुमूल्य दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा संस्था के विश्वास से खिलवाड़ और ठगी जैसी गतिविधियों को अंजाम दिया।
रैकेट का तरीक़ा और नेटवर्क
जाँच में सामने आया कि दरभंगा जिला परिवहन कार्यालय में सारा “पैसा दीजिए डीएल लीजिए” का धंधा चल रहा था। एक ही लाइसेंस नंबर पर सात अलग अलग लोगों को DL जारी कर दिया गया जाति और धर्म की हेरा-फेरी भी की गई। हिंदू को मुसलमान और मुसलमानों को हिंदू बना दिया गया।
यह फर्जीवाड़ा बिहार तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि झारखंड और अरुणाचल प्रदेश तक फैला था। वहां भी फ़र्ज़ी DL बेचे गए।
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उदहारण से खुला खेल
• 9 नवंबर 2023 से 15 मार्च 2024 तक DTO रहे शशि शेखर के कार्यकाल में यह बड़ा घोटाला हुआ।
• सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ ही पेट्रोल के अनुसार अरुणाचल प्रदेश के लोअर सुबनसिरी जिला मुख्यालय ज़ीरो के डीटीओ ने 4 जनवरी 2019 को रामदेव नाम से डीएल (नंबर AR0620190072011) जारी किया था।
• 21 अप्रैल 2022 को इस डीएल को दरभंगा DTO कार्यालय में बैकलॉग एंट्री के माध्यम से माइग्रेट किया गया और नाम पता बदलकर सोहराब अली के नाम से 13 मार्च 2024 को जारी कर दिया गया।
• बाद में यही DL झारखंड के हज़ारीबाग़ जिला परिवहन कार्यालय में स्थानांतरित कर विपिन राम के नाम से जारी किया गया।
अधिवक्ता की भूमिका
इस फ़र्ज़ीवाड़े का ख़ुलासा दरभंगा बार एसोसिएशन के अधिवक्ता राशिद ख़ान ने किया। फिर वर्तमान में नामज़द अभियुक्तों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई में सक्रिय हैं।
आगे की स्थिति
अदालत ने ग़ैर ज़मानती वारंट जारी हो चुका है। अब आरोपियों के पास ज़मानत के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। पुलिस पर दबाव है कि जल्द कार्रवाई कर आरोपियों को गिरफ़्तार किया जाए।











