Darbhanga News: बिहार के दरभंगा जिले में जन प्रतिनिधियों को विकास कार्य कराना महंगा पड़ रहा है. ताजा मामला दरभंगा के केवटी थाना क्षेत्र के असराहा गांव का है. जहां असराहा पंचायत के वार्ड नंबर 6 के वार्ड सदस्य तौकीर अहमद ने पंचायत स्थित सरकारी तालाब के भिड़ा पर बनी सड़क का जीर्णोद्धार कार्य शुरू कराया.
जिस पर गांव के मो कमरे आलम ने कुछ दबंग लोगों के साथ मिलकर सड़क की जमीन को अपनी निजी जमीन बता कर काम रोक दिया. जिसके बाद तौकीर अहमद और कमरे आलम के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि मामला थाने तक पहुंच गया और विकास कार्य ठप हो गया. प्रशासनिक उदासीनता के कारण ग्रामीण जर्जर सड़कों पर चलने को मजबूर हैं।
वहीं तौकीर अहमद ने बताया कि पंचायत स्थित सरकारी तालाब के भिंडा पर बनी सड़क का जीर्णोद्धार व मरम्मत कार्य उनकी देखरेख में शुरू किया गया. यह देख रूममेट कुछ दबंगों के साथ अपना दबदबा दिखाने के लिए उक्त सड़क को अपनी निजी जमीन बता कर हमसे विवाद करने लगा. और काम के बदले 50 हजार रुपये रंगदारी की मांग करने लगा.
जब हमने निर्माण कार्य बंद कर दिया तो ग्रामीणों ने वरीय पदाधिकारी को सार्वजनिक याचिका दी. इसके बाद कमरे आलम द्वारा हमारे विरुद्ध मारपीट, छेड़खानी व लूटपाट का मामला दर्ज कराया गया. यह मामला पूरी तरह से झूठा है. मेरे पास रिकॉर्ड पर संतोषजनक सबूत हैं कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।’ मेरे खिलाफ मामला पूरी तरह से झूठा है।’
पंचायत के मुखिया ने कहा कि वर्चस्व के कारण ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है. असराहा गांव में खाता संख्या 112, खेसरा संख्या 991 जो अनावाद पोखर है। पूर्वी भिंडा पर वर्षों से बनी खरंजा सड़क के नये निर्माण के लिए पोखर को उखाड़ कर मिट्टी में तब्दील किया जाना था. लेकिन कमरे आलम ने इस पर आपत्ति जतायी और तौकीर अहमद के खिलाफ दो फर्जी मुकदमे दर्ज करा दिये गये.
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मामले में जिस वक्त की घटना बताई जा रही है. उस समय तौकीर अहमद पंचायत भवन में पंचायत संबंधी कार्य कर रहे थे. जिसे सीसीटीवी कैमरे से सुरक्षित किया गया है। दूसरे मामले में, वह अपने गृह कार्यालय में लोगों से बात कर रहा है। उसके साक्ष्य सीसीटीवी कैमरे में सुरक्षित हैं।