Patna News : रविवार को एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के गांधी मैदान में करीब 51 हजार बीपीएससी शिक्षकों (BPSC teachers) के बीच नियुक्ति पत्र बांट रहे थे और होली का गिफ्ट दे रहे थे । तो दूसरी तरफ बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राजद कार्यालय के सामने कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे थे. वही तेजस्वी यादव ने आरक्षण के मुद्दे पर धरना दिया और बिहार में जातीय जनगणना के बाद आरक्षण की बढ़ी हुई सीमा को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की.
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि जब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी तो हमने जातीय गणना के आधार पर आरक्षण 16 फीसदी बढ़ाया. राज्य में आरक्षण व्यवस्था बढ़कर कुल 65 प्रतिशत हो गई थी और हमने केंद्र सरकार से बढ़े हुए आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का अनुरोध किया था.इसी बीच मामला पटना हाई कोर्ट में चला गया जहां आरक्षण व्यवस्था रद्द कर दी गई और अब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. हम पूरी ताकत से लड़ रहे हैं और इस मामले में जीतेंगे.
दलितों, पिछड़ों एवं अति पिछड़ों के आरक्षण के साथ खिलवाड़ और दलितों, पिछड़ों एवं अति पिछड़ों की नौकरियों में हिस्सेदारी के साथ धोखाधड़ी बहुजन समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा!
भाजपा नीतीश सरकार धोखा है!
अबकी सरकार बदल दो मौका है!
दलितों, पिछड़ों और अति पिछड़ों के साथ हो रही हकमारी… pic.twitter.com/VRmkhLmym8
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) March 9, 2025
इस दौरान बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला बोला और कहा कि जब वह हमारे साथ थे तो आरक्षण की बात करते थे. बीजेपी में शामिल होते ही उन्होंने आरक्षण खत्म करवा दिया. नीतीश कुमार और बीजेपी की दोहरी राजनीति अब नहीं चलने वाली है. बिहार की जनता सब देख रही है और आने वाले चुनाव में उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा.