Darbhanga News: वोट अधिकार यात्रा में हिस्सा लेने पहुंचे कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने चुनाव आयोग पर जमकर हमला बोला. सचिन पायलट ने कहा कि वोटिंग में गड़बड़ी को लेकर राहुल गांधी ने तथ्यों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को उजागर किया. सवाल ये है कि चुनाव आयोग वहां की वोटर लिस्ट और सीसीटीवी फुटेज नहीं देना चाहता और उसे डिलीट करना चाहता है. सवाल पूछने पर वह शपथ पत्र मांग रहे हैं. हम चाहते हैं कि चुनाव पारदर्शी तरीके से हो और मतदाता सूची की दोबारा जांच हो.
उन्होंने कहा कि बिहार में लाखों लोग मतदान से वंचित हो रहे हैं. इसके विरोध में राहुल गांधी समेत महागठबंधन के तमाम नेता बिहार में वोट अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं. पूरे देश में इस बात की चर्चा है कि आखिर चुनाव आयोग पारदर्शी तरीके से काम क्यों नहीं कर रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस थी. उसमें कोई जवाब नहीं दिया गया.
चुनाव आयोग चुनाव में गड़बड़ी के सभी तत्वों को छुपाने का काम कर रहा है. चुनाव आयोग को मांगे गए जवाब पारदर्शी तरीके से रखने चाहिए. हमारी वोट अधिकार यात्रा में हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ यह बताती है कि हमने चुनाव आयोग की चोरी का पर्दाफाश कर दिया है और बिहार में चोरी नहीं होने देंगे. इस यात्रा में पूरा भारत गठबंधन एक साथ आ रहा है और सभी लोग राहुल गांधी के साथ खड़े हैं.
क्योंकि हमारा गठबंधन सच्चाई की लड़ाई लड़ रहा है. चुनाव आयोग को हमारे लोगों की मांगों का जवाब देना होगा. उन्होंने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि हम चुनाव आयोग से सवाल पूछते हैं और बीजेपी प्रवक्ता जवाब देते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ पर सचिन पायलट ने कहा कि एशिया में किसी भी देश पर इस तरह का टैरिफ नहीं लगाया गया है. चीन हमसे ज्यादा रूस से तेल खरीदता है. उस पर भी इस तरह का टैरिफ नहीं लगाया गया है.
Also Read: Jharkhand News: दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग, सर्वसम्मति से पारित हुआ प्रस्ताव
हमारी सरकार की कूटनीति कमजोर रही. जिसका नतीजा यह हुआ कि 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया गया है. इसका दुष्परिणाम हमारे कुटीर उद्योगों में लगे लोगों को भुगतना पड़ेगा। सरकार को पहले ही इन लोगों के लिए पैकेज की घोषणा करनी चाहिए थी. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार बड़े उद्योगपतियों को लाखों रुपये का पैकेज दे सकती है. लेकिन छोटे व्यापारियों के लिए क्यों नहीं? यह सरकार की बहुत बड़ी विफलता है.