Samastipur News : श्री राम जानकी ठाकुरबाड़ी रघुवर दास मेमोरियल ट्रस्ट की प्रबंधन समिति की रविवार को आपात बैठक हुई. बैठक में मठ की संपत्तियों पर अतिक्रमण और उनके समुचित संचालन को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये.न्यास समिति के अध्यक्ष विजय वेपेन्टेन ने बताया कि हाल ही में मठ की जमीन पर आदित्य अखिल नामक व्यक्ति द्वारा एक बड़े भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा था. उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर इसे रोकने का प्रयास किया और समिति को सूचित किया. इसके बाद समिति के सभी 11 सदस्यों की बैठक बुलाई गई और पूरे मामले पर विचार किया गया.
संपत्तियों का निरीक्षण एवं कानूनी कार्रवाई पर निर्णय
समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि न केवल इस अवैध निर्माण को रोका जाएगा, बल्कि मठ की अन्य संपत्तियों की भी समीक्षा की जाएगी और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।इसके लिए सभी सदस्य आज ही मोटरसाइकिल से भ्रमण कर मठ की संपत्तियों का निरीक्षण करेंगे और अतिक्रमणकारियों की कानूनी जांच कर उचित कार्रवाई करेंगे.
समाज को समर्पित मठवासी संपत्ति
बैठक में न्यास समिति ने स्पष्ट किया कि ये संपत्तियां किसी व्यक्ति विशेष की नहीं बल्कि समाज की धरोहर हैं. 1997 में बनी 20 सदस्यीय कमेटी भी संपत्तियों की मालिक नहीं थी.बल्कि उन्हें समाज हित में कार्य करने की जिम्मेदारी दी गई। इसी भावना के अनुरूप बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद ने इसे समाज के लिए संरक्षित करने का निर्णय लिया है.
भूमि विवाद एवं कानूनी पहलू
आदित्य अखिल के मामले में महंत जी के माध्यम से प्राप्त अनुबंध पत्र की भाषा में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं.इसमें 11 वर्ष की अवधि का उल्लेख था, जिसे बाद में 35 वर्ष कहा गया, लेकिन इसकी भाषा ऐसी थी कि यह ‘जब तक पृथ्वी रहेगी’ तब तक लागू रहेगी। इसे कानूनी तौर पर अवैध माना गया.इस संबंध में डीएम, एसपी व थानाध्यक्ष को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज करायी गयी है. इसके अलावा धार्मिक न्यास परिषद को भी पूरे मामले से अवगत करा दिया गया है.
पूजा एवं प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू रहेगी
समिति ने यह भी निर्णय लिया कि मठ में पूजा सेवाओं को सुव्यवस्थित किया जाएगा और यदि आवश्यक हुआ तो एक योग्य पुजारी की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही मठ की संपत्तियों की देखभाल और समाज हित में उनके उपयोग की नीति भी निर्धारित की जायेगी.
लीज और लीज की समीक्षा की जायेगी
समिति ने पुरानी व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि पूर्व में दिए गए पट्टा, पट्टे और बटाईदारी के मामलों की भी दोबारा जांच की जाएगी.यदि कोई पट्टाधारक या किरायेदार जनहित में कार्य कर रहा है और उसका आचरण अच्छा है तो उसे वैसे ही रहने दिया जाएगा। अन्यथा समिति कानूनी प्रक्रिया के तहत उचित कार्रवाई करेगी.
मठ की संपत्तियों की बिक्री रोकी जाएगी
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पूर्व में बेची गयी मठ की जमीनों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.अध्यक्ष विजय वापुतेन ने कहा कि मठ की संपत्तियां किसी व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि समाज की हैं. अत: इनका दुरुपयोग किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जायेगा।