Darbhanga News: दरभंगा पुलिस ने शनिवार देर शाम एक फर्जी पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया, जो पिछले तीन-चार महीनों से पुलिस की वर्दी पहनकर शहर के विभिन्न इलाकों में वाहन जांच और जबरन वसूली कर रहा था। जानकारी के अनुसार, बेंता थाना प्रभारी हरेंद्र कुमार को सूचना मिली थी कि एक युवक पुलिस बनकर लोगों से वसूली कर रहा है। इसके बाद पुलिस टीम ने कई हफ्तों तक उसकी गतिविधियों पर नज़र रखी। शनिवार को थाना प्रभारी हरेंद्र कुमार के नेतृत्व में एसआई सौरव, सावो पासवान, कुंदन कुमार और अन्य पुलिसकर्मियों की टीम ने बेंता चौक पर उसे गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार युवक की पहचान मधुबनी जिले के जयनगर थाना क्षेत्र के कुवाध गाँव निवासी अजय कुमार यादव के पुत्र ऋषि कुमार यादव के रूप में हुई है। तलाशी के दौरान उसके पास से पुलिस की वर्दी, एक फर्जी पहचान पत्र, एक मोबाइल फोन और एक पुलिस का डंडा बरामद किया गया।
थाना प्रभारी हरेंद्र कुमार ने बताया कि पूछताछ के दौरान ऋषि ने स्वीकार किया कि उसने पहले सिपाही भर्ती परीक्षा दी थी, लेकिन वह असफल रहा था। इसके बाद उसने पुलिस की वर्दी खरीदी और खुद को पुलिस अधिकारी बताने लगा। वह दरभंगा शहर के विभिन्न इलाकों में जाकर वाहन निरीक्षण के नाम पर पैसे ऐंठता था।
पूछताछ के दौरान, युवक ने खुलासा किया कि उसने अपने परिवार को पुलिस में नौकरी मिलने और दरभंगा में तैनात होने का झांसा दिया था। उसने यह भी कबूल किया कि उसने अच्छे परिवार और शादी में दहेज मिलने की उम्मीद में पुलिस की वर्दी पहनी थी। आरोपी फिलहाल लहेरियासराय थाने की हिरासत में है और उसके खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है।
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जानकारी के अनुसार, यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी दरभंगा में फर्जी पुलिसकर्मी पकड़े जा चुके हैं। तत्कालीन यातायात थाना प्रभारी कुमार गौरव ने मिर्जापुर चौक के पास एक फर्जी यातायात निरीक्षक को पकड़ा था, जबकि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (वर्तमान में एडीजी, विधि-व्यवस्था) पंकज दाराद के कार्यकाल में भी पुलिस ने एक फर्जी पुलिस अधीक्षक को गिरफ्तार किया था। इसी तरह तत्कालीन एसएसपी सत्यवीर सिंह ने भी पतोर से एक फर्जी आईपीएस अधिकारी को पकड़ा था।












