Delhi News: दिल्ली-एनसीआर इस समय घने धुंध की चपेट में है, जिसकी वजह से वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया है कि पाकिस्तान से आई धूल और तेज हवाएं इसके लिए जिम्मेदार हैं।
क्या है पूरा मामला?
आईएमडी के अनुसार, उत्तर पाकिस्तान से उठे धूल के तूफान ने राजस्थान, पंजाब और हरियाणा से होते हुए दिल्ली-एनसीआर तक पहुंचकर वायु गुणवत्ता को प्रभावित किया है। तेज हवाओं ने धूल के कणों को वायुमंडल में फैला दिया, जिससे दृश्यता में भारी कमी आई है।
क्यों आई धूल?
उत्तर पाकिस्तान से उठे धूल के तूफान ने तेज हवाओं के साथ दिल्ली-एनसीआर की ओर बढ़ा। इन हवाओं की गति 30-40 किमी/घंटा थी, जिसने धूल के कणों को वायुमंडल में फैला दिया। इससे दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है।
वायु गुणवत्ता पर प्रभाव
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 236 पर पहुंच गया है, जो कि “खराब” श्रेणी में आता है। पीएम2.5 और पीएम10 के स्तर में भी भारी वृद्धि हुई है, जो कि वायु गुणवत्ता को और भी खराब कर रहा है।
भविष्यवाणी
आईएमडी ने भविष्यवाणी की है कि आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में रहेगी। शुक्रवार को आंधी और बारिश की संभावना है, जिससे वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार हो सकता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) स्थिति पर नजर रखे हुए है और इसे लंबे समय तक चलने वाली धूल की समस्या मान रहा है।
दिल्ली-एनसीआर में घना धुंध एक गंभीर समस्या है, जिसका समाधान करने के लिए सरकार और संबंधित एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए हमें धूल के स्रोतों को नियंत्रित करने और वायु प्रदूषण को कम करने के उपाय करने होंगे।
वायु गुणवत्ता सुधार के उपाय
वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए हमें निम्नलिखित उपाय करने होंगे:
– धूल के स्रोतों को नियंत्रित करना
– वायु प्रदूषण को कम करने के लिए वाहनों और उद्योगों पर नियंत्रण करना
– वृक्षारोपण और हरित क्षेत्रों को बढ़ावा देना
– वायु गुणवत्ता की निगरानी और प्रबंधन के लिए प्रभावी कदम उठाना
आने वाले दिनों में क्या होगा?
आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता की स्थिति पर नजर रखना जरूरी होगा। यदि आंधी और बारिश होती है, तो वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार हो सकता है। लेकिन यदि धूल के तूफान और तेज हवाएं जारी रहती हैं, तो वायु गुणवत्ता में और भी गिरावट आ सकती है। इसलिए, हमें वायु गुणवत्ता की निगरानी और प्रबंधन के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे।