Ranchi News: JMM प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझकर जल जीवन मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजना में बाधा डाल रही है. इस योजना का उद्देश्य 2019 में हर घर को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना था, लेकिन पांच साल बाद भी यह पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई है, जिसका मुख्य कारण केंद्र सरकार की वित्तीय उदासीनता है।
वही JMM प्रवक्ता ने कहा कि झारखंड सरकार ने जल जीवन मिशन को गंभीरता से लिया और व्यापक कार्य योजना के तहत इसे गांव-गांव तक पहुंचाया. “लगभग 55% घरों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।”लेकिन इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक राशि केंद्र सरकार द्वारा जारी नहीं की जा रही है. इसे 2025 तक पूरी तरह से लागू किया जाना था, लेकिन अब यह योजना अधर में लटक गई है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोयला मंत्रालय पर अभी भी झारखंड का 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है. “क्या यह संभव है कि हमें अपने अधिकारों के लिए बार-बार राज्य सरकारों से भीख मांगनी पड़ेगी? हमें इस तरह की उपेक्षा कब तक सहन करनी पड़ेगी?” उन्होंने सवाल उठाया. सुप्रियो ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, ”अगर पैसा नहीं देना था तो जल जीवन मिशन शुरू ही क्यों किया गया?”झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि भीषण गर्मी में जल संकट गहराता जा रहा है और ऐसे समय में जल की महत्ता हर नागरिक के लिए जीवन-मरण का प्रश्न बन गयी है.
“हम पाकिस्तान के पानी को रोकने का समर्थन करते हैं, लेकिन क्या अपने ही राज्यों के अधिकारों को रोकना सही है? क्या झारखंड और बंगाल के लोगों को केवल राजनीतिक कारणों से दंडित किया जा रहा है?”सुप्रियो भट्टाचार्य ने चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार जल जीवन मिशन की बकाया राशि जल्द नहीं देगी तो झामुमो सड़क पर उतर कर आंदोलन करेगा. उन्होंने दो टूक कहा, “अब याचना नहीं, संघर्ष होगा. हम अपने हक के लिए पाई-पाई की लड़ाई लड़ेंगे.”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तीखा हमला बोला और कहा कि केंद्र सरकार मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए राजनीतिक ड्रामा कर रही है. ”जब भी कोई राज्य अपने अधिकारों की बात करता है तो केंद्र सरकार दूसरे मुद्दे उठाकर असली मुद्दों से ध्यान भटका देती है. यह लोकतंत्र का अपमान है.”भट्टाचार्य ने भारत सरकार के अमेरिका के साथ रिश्तों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान देश की संप्रभुता का अपमान है.उन्होंने कहा, “क्या अब देश व्यापारिक और विदेशी दबाव में चलेगा? यह तिरंगा यात्रा एक राजनीतिक पाखंड से ज्यादा कुछ नहीं है।”
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वही प्रेस वार्ता के अंत में उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार अंतिम सांस तक राज्य के अधिकारों और सम्मान के लिए लड़ती रहेगी. “हमने भारत सरकार का क्या बिगाड़ा है जो हमें बार-बार अपमानित होना पड़ रहा है? यह देश सबका है, किसी की जागीर नहीं।”