Ranchi News: अखिल भारतीय भोजपुरी, मगही, मैथिली और अंगिका मंच की एक महत्वपूर्ण बैठक मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव की अध्यक्षता में हरमू स्थित स्वागतम बैंक्वेट हॉल में हुई.बैठक में रांची जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आये भोजपुरी, मगही, मैथिली और अंगिका समाज के प्रमुख लोग उपस्थित थे.
बैठक में चर्चा के दौरान सरकार द्वारा भाषा विवाद खड़ा किये जाने पर उपस्थित लोगों ने काफी आक्रोश व्यक्त किया. लोगों ने कहा कि जिला स्तर पर झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में 17 क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में से भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका भाषाओं को नजरअंदाज कर 12 भाषाओं को लागू कर दिया गया, जिससे बहुसंख्यक समुदाय में आक्रोश पैदा हो गया है.
अध्यक्ष कैलाश यादव ने कहा कि विदित हो कि विगत वर्षों भी सरकार द्वारा ऐसी हरकत की गई थी जिस कारण राज्यभर में विरोध प्रदर्शन हुआ था ! सरकार को संज्ञान में होना चाहिए कि पलामू गढ़वा में सौ फीसदी लोग भोजपुरी मगही भाषा का प्रयोग करते हैं और गोड्डा साहिबगंज देवघर जामताड़ा व अन्य स्थानों में अंगिका भाषा बोलते हैं एवं रांची जमशेदपुर बोकारो धनबाद कोडरमा चतरा हजारीबाग में भोजपुरी मगही भाषा बड़ी आबादी में बोली जाती है।
इसलिए सरकार को सतर्क रहने की जरूरत है ताकि समाज में सामाजिक सद्भाव और भेदभाव न बिगड़े और सरकार में उन जयचंदों से सावधान रहने की जरूरत है जो नियमित रूप से प्रशासन में जनविरोधी भावनाओं और जनमत के खिलाफ सुझाव देते हैं।
मैथिली संघर्ष समिति के संयोजक अमरनाथ झा ने कहा कि राज्य में 17 क्षेत्रीय भाषाओं को मान्यता प्राप्त है. जिला स्तर पर सरकार ने 2023 के राजपत्र के अनुसार केवल 12 भाषाओं को ही मान्यता दी है, जो गलत है। सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।
अध्यक्ष कैलाश यादव ने कहा कि अब संगठन की मजबूती और विस्तार के लिए मंच की बैठकें लगातार जारी रहेंगी. इस संदर्भ में अगली बैठक 29/6/25 को पटेल पार्क के पास, हरमू हाउसिंग कॉलोनी में होगी.
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वही बैठक में मृत्युंजय झा, नंदन यादव, राम पुकार राय, रामकुमार यादव, नवीन झा, विभाकर कुमार, सुनील पांडेय, कुंदन सिंह, यतींद्र लाल दास, राजकुमार मिश्रा, दीनानाथ डॉन, चंद्रदेव मंडल, अरुण कु मिश्रा, ब्रज कु झा, राधेश्याम यादव, उमेश राय, शिवकुमार नाथ झा, सहित कई लोग मौजूद थे ।