Bihar News: बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने बुधवार को नालंदा जिले के मुख्यालय बिहारशरीफ का दौरा किया. इस दौरान वह प्रसिद्ध इस्लामिक विद्वान डॉ. मौलाना अली अरशद सर्फी के परिजनों से मिलने भैंसासुर पहुंचे, जिनका मंगलवार को निधन हो गया.
राज्यपाल खान ने दिवंगत विद्वान के आवास पर पहुंचकर शोक संतप्त परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और उनके अमूल्य योगदान को याद करते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि मैं यहां डॉ. सरफी को श्रद्धांजलि देने आया हूं। वह सिर्फ एक बुजुर्ग व्यक्ति नहीं थे बल्कि एक महान विद्वान थे जिन्होंने आध्यात्मिकता पर कई महत्वपूर्ण ग्रंथों का उर्दू में अनुवाद किया।
विद्वत समुदाय के लिए अपूरणीय क्षति
डॉ. अली अरशद सरफ़ी को इस्लामी आध्यात्मिकता, शिक्षा और अनुवाद कार्यों में उनके गहन योगदान के लिए जाना जाता था। उनके निधन को न केवल विद्वान समुदाय बल्कि आम जनता ने भी एक बड़ी सांस्कृतिक क्षति के रूप में देखा है। उनके निधन से शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है.
स्थानीय धर्मगुरुओं का कहना है कि डॉ. सरफी ने अपने जीवनकाल में धर्म और अध्यात्म के क्षेत्र में जो काम किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक का काम करेगा. उनकी अनुवादित पुस्तकें इस्लामी शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर मानी जाती हैं।
बड़ी दरगाह में दुआ और फातिहाखानी
परिजनों से मुलाकात के बाद राज्यपाल खान बिहारशरीफ के प्रसिद्ध बड़ी दरगाह पहुंचे. यहां उन्होंने डॉ. सरफी की कब्र पर जाकर कुरान की आयतें पढ़ीं और विशेष आशीर्वाद मांगा। राज्यपाल ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के इस दौरे को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी. जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पूरी व्यवस्था मौजूद थी. राज्यपाल के स्वागत में स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने भी सक्रिय भूमिका निभायी.प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार राज्यपाल का यह दौरा पूर्व नियोजित नहीं था, बल्कि उन्होंने डॉ. सरफी के निधन की खबर मिलते ही उनके परिजनों से मिलने का निर्णय लिया था.