Mukesh Sahani vs Hari Sahani : हरि सहनी एक बाप के बेटे हैं, तो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताएं कि कौन सा अधिकार अंग्रेजों ने दिया था, जिसे मुकेश सहनी ने बदल दिया? ये सारी बातें उन्होंने एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में कहीं…वीआईपी पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी ने आगे कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि निषाद समुदाय को कभी भी उसका वाजिब हक और सम्मान नहीं मिला, बल्कि वर्षों तक हाशिये पर रखा गया.
उन्होंने कहा, आज जब मुकेश सहनी समाज के हक और आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे हैं तो कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए समाज को गुमराह करने की साजिश कर रहे हैं. जिस तरह बीजेपी नित्यानंद राय को लालू जी के पीछे भोंकने के लिए लगा दिया हैं उसी तरह हरि सहनी को मुकेश सहनी के पीछे भोंकने के लिए लगा दिया है । हमने हरि सहनी को नेता बनाया है ।
उन्होंने कहा, हरि सहनी सच्चाई से भागने के बजाय समाज को जवाब दें। निषाद समाज अब जाग चुका है और झूठे प्रचार से गुमराह होने वाला नहीं है। वीआईपी प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी ने चार विधायक बनाकर दिखा दिया है कि निषाद समुदाय अब सिर्फ मछुआरा नहीं, बल्कि सरकार बनाने वाला भी है.मुकेश सहनी ने कहा कि निषाद समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा.