International News: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने भारत के ख़िलाफ़ एक बड़ा आर्थिक क़दम उठाते हुए 25 % टैरिफ़ के अलावा अतिरिक्त 25% टैरिफ़ लगाने की घोषणा की है। इसके तहत भारत से अमेरिका को होने वाले कुछ ख़ास प्रकार के निर्यातों पर अब कुल 50% शुल्क लगेगा। ट्रम्प ने बुधवार को इस फ़ैसले को औपचारिक रूप देते हुए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए यह निर्णय भारत द्वारा रूस से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल की ख़रीदारी को लेकर किया गया है जिससे अमेरिका ने अपने विदेश नीति के ख़िलाफ़ बताया है।
हालांकि इस टैरिफ़ में एक अहम पहलू यह भी है कि 7 अगस्त 2025 से फ़िलहाल केवल 25 % टैरिफ़ के प्रभाव में आएगा। जबकि अतिरिक्त पच्चीस फ़ीसदी शुल्क 21 दिन बाद यानी 28 अगस्त से लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य भारत को अपनी नीति पर पुनर्विचार करने का समय देना बताया जा रहा है।
टैरिफ़ के इस फ़ैसले से भारत के कुछ प्रमुख क्षेत्रों पर सीधा असर पढ़ने की आशंका है ख़ासकर, स्टील, एलुमुनियम फार्मास्यूटिकल्, ऑटो पोर्टल्स, कपड़ा और IT हार्डवेयर जैसी वस्तुएं सबसे अधिक प्रभावित हो सकती है। अमेरिकी बाज़ार में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा पहले से ही चीन वियतनाम और मैक्सिको जैसे देशों से हैं, और अब अतिरिक्त शुल्क लगने से भारत की स्थिति और कमज़ोर हो सकती है।
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व्यापार विश्लेषकों का मानना है कि यह फ़ैसला भारत अमेरिका व्यापार संबंधों में तनाव पैदा कर सकता है और इसे भारतीय निर्यातकों को बड़ा नुक़सान झेलना पड़ सकता है। हालांकि भारतीय वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि वह अमेरिका के इस फ़ैसले की समीक्षा कर रहा है और जल्दी कार्टून ऋतिक स्तर पर बातचीत शुरू की जाएगी ताकि इस टैरिफ़ को वापस लिया जा सके या इसमें नरमी लाए जा सके।
इस घटनाक्रम के वैश्विक बाज़ारों में भी हलचल मचा दी है और निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ गई है। आने वाले हफ्तों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस टैरिफ़ संकट से कैसे निपटते हैं और क्या दोनों देशों के बीच बातचीत से कोई समाधान निकल पाता है।