सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (17 अप्रैल) को पश्चिम बंगाल के कक्षा 9 से 12 के सहायक शिक्षकों को राहत दी, जिनकी नियुक्तियां 2016 में रद्द कर दी गई थीं। कोर्ट ने कहा कि जिन शिक्षकों को भ्रष्टाचार में शामिल नहीं पाया गया है, वे नए नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने तक काम कर सकते हैं।
जानिए क्या है मामला?
पश्चिम बंगाल में 2016 में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली और अनियमितताएं सामने आई थीं। इस मामले में कई उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने लगभग 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया था।
जानिए सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जिन शिक्षकों को भ्रष्टाचार में शामिल नहीं पाया गया है, वे नए नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने तक काम कर सकते हैं। कोर्ट ने राज्य और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) को निर्देश दिया कि वे नए भर्ती प्रक्रिया को दिसंबर 2025 तक पूरा करें और मई 2025 तक विज्ञापन प्रकाशित करें।
राज्य और एसएससी के लिए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और एसएससी को निर्देश दिया है कि वे नए भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से पूरा करें। कोर्ट ने कहा कि यदि राज्य और एसएससी इस निर्देश का पालन नहीं करते हैं, तो वर्तमान आदेश स्वतः ही रद्द हो जाएगा।
जानिए छात्रों के हित में फैसला
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला छात्रों के हित में है, क्योंकि इससे उन्हें नियमित शिक्षा मिल सकेगी। कोर्ट ने कहा कि छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पश्चिम बंगाल के शिक्षा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। इससे छात्रों को नियमित शिक्षा मिल सकेगी और शिक्षकों को भी राहत मिलेगी। राज्य और एसएससी को नए भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से पूरा करने के लिए निर्देश दिया गया है।
Also Read : झारखंड की प्रशिक्षु नर्सों को हेमंत सरकार का बड़ा तोहफा, अब बढ़ेगी सैलरी