Gumla News: खबर झारखंड के गुमला जिले के भरनो प्रखंड क्षेत्र से हैं जहां एक सरकारी स्कूल में बच्चों की किताबें जलाकर उनका मध्याह्न भोजन तैयार किया जाता है. यहां शिक्षा के मंदिर में ही शिक्षा की ऐसी दुर्दशा देखने को मिल रही है जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे. मामला भरनो प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र जौली गांव स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय जौली का है, जहां स्कूल में स्कूली छात्रों के बीच बांटी जाने वाली किताबों से एमडीएम का खाना लकड़ी के चूल्हे पर पकाया जाता है.
वहीं बीच-बीच में रसोइया लकड़ी जलाने के लिए बच्चे जो किताब पढ़ रहे हैं उसे फाड़कर जलाता नजर आ रहा है. इससे साफ पता चलता है कि इस सरकारी स्कूल में बच्चों को कितनी शिक्षा दी जाती है. इस स्कूल में न सिर्फ बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, बल्कि एक लड़की के चूल्हे में खाना पकाना कहां तक सही है, जबकि विभाग का सख्त निर्देश है कि सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाने में सिर्फ रसोई गैस का ही इस्तेमाल करना है.
किताब फाड़कर मध्याह्न भोजन बनाने वाली रसोइया बिरसमुनी देवी ने बताया कि गैस खत्म हो गयी है, इसलिए लकड़ी के चूल्हे में खाना पकाया जा रहा है. यह किताब मुझे मास्टर साहब ने लकड़ी जलाने के लिए दी है, इसलिए मैं किताब जला रहा हूं। उसमें रखी कुछ किताबें भी दीमकों ने खा लीं। बुधवार को रसोइया मेनू के अनुसार चावल, दाल, सोयाबीन की सब्जी और आलू की सब्जी बना रही थी. आपको बता दें कि यह स्कूल ब्लॉक मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर सुदूर इलाके जौली गांव में स्थित है.
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इस विद्यालय में कुल 45 बच्चे नामांकित हैं, बुधवार को 45 में से मात्र 6 बच्चे ही विद्यालय में उपस्थित थे, इस विद्यालय में एक सरकारी शिक्षक राजेश खेस प्रभारी एचएम हैं, जबकि एक पारा शिक्षक कुचडू उरांव कार्यरत हैं. बुधवार को विद्यालय में केवल पारा शिक्षक ही बच्चों को पढ़ा रहे थे, जबकि प्रभारी एचएम कार्यालय कार्य से बीआरसी कार्यालय भरनो गये थे.
इस मामले को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी भरनो अरुण कुमार सिंह ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है, यह काफी गंभीर मामला है, मामले की सत्यता की जांच करायी जायेगी, मामला सत्य पाये जाने पर उचित कार्रवाई की जायेगी.