JaiRam Mahato Jharkhand: गिरिडीह ज़िले के डुमरी सीट से झारखंड लोग क्रांतिकारी मोर्चा(JLKM) के विधायक जयराम महतो ने कोयला मज़दूरों के अधिकारों की लड़ाई के लिए भारतीय क्रांतिकारी मज़दूर संघ नामक एक संगठन का गठन किया है।
शनिवार को धनबाद सर्किट हाउस में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि यह संगठन मज़दूरों की आवाज़ को मज़बूती देगा और राज्य के सभी ज़िलों में कमेटियां बनाकर तय समय में यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
कोयला मज़दूरों की आवाज़ बनेगा संगठन
जयराम महतो ने कहा कि झारखंड के कोयला क्षेत्र में मज़दूरों की समस्या लगातार अनसुनी हो रही हैं। मज़दूरों को उनका हक़ दिलाने और उनकी समस्याओं को संगठित मंच में उठाने के लिए ये क़दम उठाया गया है। आने वाले दिनों में यह संगठन विभिन्न ज़िलों में जाकर मज़दूरों के मुद्दों पर आंदोलन करेगा।
सूर्यनारायण हंसदा मामले पर बयान
साथ ही विधायक जयराम महतो ने हाल ही में मुठभेड़ में मारे हुए सूर्यनारायण हंसदा के मामले में कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी उम्मीदवार तलाश रही थी, तभी उन्हें टिकट दिया गया था। और पहले भाजपा से भी चुनाव लड़ चुके थे और उस समय पार्टी को उनकी नक्सली गतिविधियों की जानकारी नहीं थी।
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नक्सलवाद से बाहर नहीं निकल पाया आदिवासी समाज
जयराम महतो ने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री और देश में आदिवासी राष्ट्रपति होने के बावजूद आदिवासी समाज पूरी तरह नक्सलवाद से बाहर नहीं आ पाया है। उन्होंने हंसदा एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच की मांग की, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
क्या हैं राजनीतिक असर?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कोयला मज़दूरों को लेकर जयराम महतो का यह क़दम आने वाले समय में झारखंड के मज़दूर राजनीति में नए समीकरण पैदा कर सकता है, ख़ासकर धनबाद, गिरिडीह, बोकारो और हज़ारीबाग़ जैसे कोयला बेल्ट इलाकों में।