Jharkhand News: झारखंड स्टेट फ़ार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रार समेत इलेक्टेड व मनोनीत सदस्यों के चयन को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। इसी सिलसिले में आज “झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा” के बैनर तले संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने काउंसिल गेट के समक्ष ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया। आंदोलनकारियों ने रजिस्ट्रार प्रशांत कुमार पांडे के कार्यकाल, चयन प्रक्रिया और काउंसिल की पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठाए।
चार घंटे तक चला विरोध-प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन सुबह से शुरू हुआ और क़रीब चार घंटे तक आंदोलनकारी धरना स्थल पर डटे रहे। इस दौरान “शहीद महापुरुषों” के नाम पर जयघोष किया गया और झारखंडी अधिकारों के पक्ष में ज़ोरदार नारे लगाए गए। स्थिति को देखते हुए बरियातू थाना पुलिस दलबल के साथ मौक़े पर पहुंची, लेकिन आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से जारी रहा।
रजिस्ट्रार वार्ता के दौरान बीच में ही हटे
प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारियों की तीखी मांगों और सवालों के जवाब देने काउंसिल के रजिस्ट्रार सह सचिव प्रशांत कुमार पांडे भी वार्ता में शामिल हुए। हालांकि, जैसे-जैसे सवाल तीखे होते गए, रजिस्ट्रार वार्ता को बीच में छोड़कर वहां से उठकर चले गए। इस व्यवहार को आंदोलनकारियों ने गैर-ज़िम्मेदाराना बताया।
संगठन ने सौंपा ज्ञापन एक सप्ताह का अल्टीमेटम
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे देवेंद्रनाथ महतो ने काउंसिल प्रबंधन को एक लिखित ज्ञापन सौंपते हुए एक सप्ताह के भीतर मांगों पर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने कहा कि काउंसिल को गैर सरकारी और ग़ैर झारखंडी लोगों के नियंत्रण में मनमानी ढंग से संचालित किया जा रहा है। जो राज्य के मूलवासियों के साथ अन्याय है। संगठन झारखंडियों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है।
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कार्यकाल समाप्त, फिर भी बने हैं रजिस्ट्रार
महतो ने आरोप लगाया कि प्रशांत कुमार पांडे का कार्यकाल 13 अप्रैल 2025 को ही समाप्त हो चुका है, बावजूद इसके वे अब तक पद पर बने हुए हैं। साथ ही, काउंसिल के वर्तमान इलेक्टेड मेंबरों का चयन भी फ़र्ज़ी पत्राचार के माध्यम से किया गया है, जो कि गंभीर अनियमितता का मामला है।
स्वतंत्र जांच की मांग
विरोध प्रदर्शन के दौरान देवेंद्रनाथ महतो ने दो प्रमुख मांगें रखी
॰ वर्तमान इलेक्टेड एवं मनोनीत सदस्यों के चयन प्रक्रिया के स्वतंत्र जांच कराई जाए।
॰ विवादित रजिस्ट्रार प्रस्थान पांडे का सर्विस रिकॉर्ड सार्वजनिक रूप से जांचा जाए।
सैकड़ों लोग हुए शामिल
धरना में बड़ी संख्या में पदाधिकारी और आमजन शामिल हुए। प्रमुख रूप से दमयंती मुंडा, फुलेश्वर बैठा, विनोद संवासी, सूरज कुमार साहू, लीलावती देवी, संजय महतो, सूरज सिंह, रतिया गंझू, जयंती देवी, अयूब अली, राजू चेडी, आरसद अली, सहबाज आलम, महावीर साहू सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
झारखंड स्टेट फ़ार्मेसी काउंसिल में जारी विवाद राज्य की प्रशासनिक पारदर्शिता और स्थानीय अधिकारियों के संरक्षण पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। यदि सरकार और संबंधित विभाग समय रहते उचित कार्रवाई नहीं करते, तो आंदोलन और तेज हो सकता है। आंदोलनकारियों की चेतावनी के अनुसार उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक झारखंडियों को उनका हक़ नहीं मिल जाता।