JLKM Ranchi: झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) रांची के बैनर तले अमर शहीद शेख भिखारी और टिकैत उमराव सिंह के 168 वाँ शहादत दिवस मनाया एवं माल्यार्पण किया । इस मौके पर JLKM केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेन्द्र नाथ महतो दोनों वीरों को खिराज -ए – अकीकत पेश करते हुए कहा कि 1857 की क्रांति ने आजादी की चिंगारी को सम्पूर्ण देश भर में सुलगा दिया था, जिससे छोटानागपुर के पहाड़ पर्वत भी धधक उठा था।
लॉर्ड डलहौजी के जुल्म से बेबस होकर 1857 आजादी का क्रांति में झारखंड में आजादी का बिगुल बजाने वाले शहीद शेख भिखारी और टिकैत उमराव सिंह ने झारखंड की राजधानी रांची और उसके आस पास के क्षेत्रों को आजाद करा दिया और रामगढ़ छावनी पर हमला बोल दिया तथा अंग्रेजों को मार भगाया। वहां से सफलता मिलते ही दोनों चाईबासा की तरफ अपने सेना के साथ कुचकर वहां के डिप्टी कमिश्नर का हत्या कर दी। इसके बाद शेख भिखारी संथाल परगना की और कुच कर गए थे दुमका में भीषण युद्ध हुआ था। युद्ध में विजय प्राप्त कर दुमका से फिर दोनों रांची वापस आए थे। जीत घोषित होने के उपलक्ष्य में तत्कालीन राजा विश्वनाथ शाहदेव डोरंडा के एक से सात नवंबर 1857 तक विजय का जश्न मनाया था।
शेख भिखारी और टिकैत उमराव सिंह दोनों का खौफ इतना भयानक था कि उसी घाटी पर बिना मुकदमा चलाए 8 जनवरी 1858 ई0 को सार्वजनिक फांसी दी गई। नाना साहेब, बेगम हजरत महल, मौलवी अहमदुल्ला शाह ऐसे अनेकों ने बलिदान दिया था वही कार्यक्रम के मौके पर देवेंद्र नाथ महतो, चंदन रजक, अयूब अली, रविन्द्र, अजहर अजरूद्दीन, इरशाद आलम, शाहिद भाई, सोएल अहमद, साबी, अरशद साह, प्रदीप, के अलावा अन्य लोग शामिल हुए।
Also Read : Weather Update : झारखंड में ठंड का आतंक जारी,जनजीवन अस्त-व्यस्त