Ranchi: झारखंड में एक बार फिर खतियानी आंदोलन ने रफ्तार पकड़ ली है। “झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा” की ओर से निकाली गई खतियानी पदयात्रा आज 21वें दिन 570 किलोमीटर की दूरी तय कर राजधानी रांची स्थित राजभवन पहुंची। बूटी मोड़ से रवाना होकर पदयात्रा जोश और नारों के साथ राजभवन गेट तक पहुंची, जहां एकदिवसीय धरना आयोजित किया गया।
धरना स्थल पर संगठन के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि “बिना स्थानीय नीति के नियुक्ति प्रक्रिया चलाना झारखंडी जनता के साथ सरासर बेईमानी है। सरकार ने स्थानीयता विधेयक को केवल लटकाने और भटकाने का काम किया है।” उन्होंने यह भी मांग रखी कि 1932 के खतियान को आधार बनाकर स्थानीयता, नियोजन, विस्थापन, उद्योग और क्षेत्रीय प्राथमिकता की नीति लागू की जाए।
महतो ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार को झारखंड राज्य के मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए बिहार सरकार के 03 मार्च 1982 के पत्र को बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 85 के तहत संशोधित कर झारखंड में लागू करना चाहिए।
धरने के दौरान ‘झारखंडी एकता जिंदाबाद’ और ‘हेमंत सरकार होश में आओ’ जैसे नारों से राजभवन परिसर गूंज उठा। संगठन की ओर से जानकारी दी गई कि राजभवन की ओर से 9 जून को महामहिम राज्यपाल के साथ वार्ता की तिथि तय की गई है।
बता दें कि यह पदयात्रा 15 मई को दुमका के फूलो-झानो चौक से शुरू हुई थी और अब तक 21 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरते हुए 570 किलोमीटर की दूरी तय कर राजधानी पहुंची है।
पदयात्रा में देवेंद्रनाथ महतो, अमित मंडल, विजय सिंह, अयूब अली, दमयंती मुंडा, फुलेश्वर बैठा, निशा भगत, समुद्र पाहन, महेंद्र कुमार मंडल, रुपैश विराठ, संतोष महतो, प्रेम नायक, गुणा भगत, प्रेम मार्डी समेत संगठन के कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल रहे। जनसमर्थन के रूप में हजारों की संख्या में आम जनता की भी भारी भागीदारी देखी गई।
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पिछले दिन डुमरी विधायक एवं संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम कुमार महतो ने पदयात्रा को ऐतिहासिक सफल बनाने का आह्वान किया था, जिसे आज के जनसमूह और उत्साह ने साकार कर दिखाया।
झारखंडी जनता अब 9 जून को महामहिम से होने वाली वार्ता की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही है।