Khelo India Youth Games 2025: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 का बिहार में आयोजन सिर्फ एक राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता नहीं रहा, बल्कि यह राज्य में खेल संस्कृति की नई सुबह बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच और राज्य सरकार की सक्रिय पहल ने इस आयोजन को एक ऐसे प्रेरणास्रोत में बदल दिया है, जिससे बच्चों और युवाओं के भीतर खेलों के प्रति एक नई चेतना जागृत हो रही है।
राजगीर में गूंजा उत्साह, बच्चों में दिखा जोश
राजगीर स्पोर्ट्स क्लब में आयोजित भारोत्तोलन प्रतियोगिता के दौरान दर्शक दीर्घा में बैठे छोटे बच्चों की आंखों में उम्मीद और उत्साह की चमक साफ देखी जा सकती थी। जैसे ही स्कोरबोर्ड पर अंकों में बदलाव होता, तालियों की गूंज माहौल को और जोशीला बना देती। बच्चों के चेहरों पर दिख रही मुस्कान इस बात का संकेत थी कि अब वे सिर्फ दर्शक नहीं रहना चाहते, बल्कि स्वयं मैदान में उतरकर अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।
खेलो इंडिया के मैस्कॉट के साथ ली गई सेल्फियों ने बच्चों के जोश को और भी रंगीन बना दिया। बच्चों ने बताया कि उन्होंने पहली बार इतने बड़े स्तर पर कोई प्रतियोगिता देखी है और अब वे भी नियमित रूप से खेलों में भाग लेना चाहते हैं।
Khelo India Youth Games 2025: खेलों को मिला नया दृष्टिकोण
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 ने बिहार में एक नई खेल संस्कृति को जन्म दिया है। अब छोटे बच्चे, किशोर और युवा खेलों को सिर्फ शारीरिक गतिविधि नहीं, बल्कि एक संभावित करियर के रूप में देखने लगे हैं। इससे राज्य के खेल भविष्य को एक नई दिशा और ऊर्जा मिल रही है।
Also Read: Darbhanga News: व्यापार के नाम पर युद्धविराम बर्दाश्त नहीं किया जा सकता- तेजस्वी यादव
एक प्रेरणादायक संदेश
यह आयोजन इस बात का उदाहरण बन चुका है कि जब सरकार, समाज और युवा एक मंच पर एकजुट होते हैं, तो खेल केवल प्रतियोगिता नहीं रहते — वे प्रेरणा बन जाते हैं। बिहार जैसे राज्य में खेलों के प्रति बदलता नजरिया इस बात का प्रतीक है कि अब खेल भी सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम बनते जा रहे हैं।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 ने बिहार को खेल मानचित्र पर एक नया मुकाम दिलाया है और यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में यह लहर और भी ऊंचाई तक जाएगी।