Guru Purnima 2025: आषाढ़ माह के अंतिम दिन गुरु पूर्णिमा के अवसर पर लाखों कांवरियों ने उत्तरवाहिनी गंगा में डुबकी लगायी और भागलपुर सुल्तानगंज के अजगैबीनाथ धाम में बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग पर जलाभिषेक किया. 105 किलोमीटर की दूरी तय कर हम बोल बम, हर-हर महादेव के नारे के साथ पैदल और वाहन से देवघर के बैधनाथ धाम के लिए निकल पड़े. आपको बता दें कि हिंदू धर्म में गुरु को भगवान का दर्जा दिया गया है।
भगवान भोलेनाथ के मार्गदर्शन से ही सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, इसलिए बिहार, झारखंड समेत अन्य राज्यों से लोग कांवरिया अजगैबीनाथ धाम पहुंचते हैं और उत्तर वाहिनी गंगा में डुबकी लगाते हैं. देवघर के बैधनाथ में बाबा भोलेनाथ पर गंगाजल से पूजा करते हुए जल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इसलिए गुरु पूर्णा के दिन कांवरियों की भीड़ रहती है। कल से श्रावण मास प्रारंभ होने पर श्रावण मास में बाबा भोलेनाथ को गंगा जल चढ़ाने से भगवान भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होते हैं। इसलिए श्रावण माह में प्रतिदिन देश-विदेश से लाखों की संख्या में कांवरिये अजगैबीनाथ धाम पहुंचते हैं और बाबा भोलेनाथ को जल चढ़ाने के लिए अजगैबीनाथ धाम से पैदल और वाहन से देवघर बैधनाथ धाम के लिए प्रस्थान करते हैं.
इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन कोलकाता के कांवरिए भगवान गणेश की विशाल कांवर लेकर बैधनाथ धाम के लिए रवाना हो रहे हैं. कोलकाता के कांवरियों ने बताया कि वे हर साल गुरु पूर्णिमा के दिन अजगैबीनाथ धाम में जल चढ़ाने पहुंचते हैं. अगले वर्ष अजगैबीनाथ धाम से बाबा भोलेनाथ का विशाल कांवर लेकर जल चढ़ाने के लिए बैधनाथ धाम गये.
Also Read: Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर में चोरों ने मंदिर को बनाया निशाना, करीब 2 लाख की चोरी
इस बार बाबा भोलेनाथ के लाल भगवान गणेश की विशाल कांवर लेकर चल रहे हैं. स्थानीय पंडित संजीव झा ने भी बताया कि गुरु पूर्णिमा का महत्व यही है कि गुरु में आस्था रखने वालों को भगवान के दर्शन होते हैं.इसको लेकर पुलिस पदाधिकारी द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे.