Patna Crime News: राजधानी पटना में रविवार को दिन दहाड़े हुए एक हत्याकांड में क़ानून व्यवस्था पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं ।सुल्तानगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक वक़ील की बीच सड़क पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान 42 वर्षीय अधिवक्ता जितेंद्र कुमार महतो के रूप में की गई है जो पटना सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे।
रविवार दोपहर क़रीब 1 बजे जितेंद्र कुमार महतो सुल्तानगंज स्थित अपने चेंबर से निकले थे। बताया जा रहा है कि वह पास ही एक चाय की दुकान पर चाय पीने गए थे। चाय पीकर जब वो वापस लौट रहे थे, तभी बाइक सवार 2 अज्ञात बदमाशों ने उन्हें निशाना बनाया। अपराधियों ने पास आकर बेहद नज़दीक से उन पर गोलियां चलाईं ।गोली लगने के बाद जितेन्द्र कुमार वहीं गिर पड़े, तुरंत उनके परिजन उन्हें PMCH ले गए । जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई ।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर बेहद आराम से आए और वारदात को अंजाम देकर फ़रार हो गए । पास की दुकानों में लगे CCTV कैमरे में फ़ुटेज मिलने की संभावना जताई जा रही है ।
फ़िलहाल पुलिस इस हत्याकांड के पीछे की वजह का पता लगाने में जुटी है। शुरुआती जांच मैं इसे आपसी रंजिश या पेशे से जुड़ा कोई विवाद बताया जा रहा है, हालाँकि पुलिस ने अभी तक कोई ठोस बयान नहीं दिया है। सुल्तानगंज थाना प्रभारी ने कहा कि आसपास के इलाकों में छापेमारी की जा रही है और तकनीकी साक्ष्यों की जांच की जा रही हैं । इस सनसनीख़ेज़ हत्या के बाद वक़ील समाज में भारी आक्रोश है। पटना सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं ने सोमवार को कोर्ट का बहिष्कार कर विरोध जताने की बात कही है ।
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मृतक वक़ील जितेंद्र कुमार महतो अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं। घटना की सूचना मिलने पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों और परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर विरोध प्रदर्शन भी किया और पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।
पटना SSP कार्तिकेय शर्मा ने मीडिया को बताया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषियों को जल्द गिरफ़्तार कर क़ानून के कठघरे में लाया जाएगा। उन्होंने कहा CCTV फ़ुटेज की जांच की जा रही है और इलाक़े में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है।
राजधानी पटना में एक बार फिर दिन दहाड़े हुए हत्याकांड ने आम जनता की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। अधिवक्ता की इस नृशंस हत्या से न केवल क़ानून व्यवस्था पर प्रश्न उठे हैं, बल्कि वक़ील समुदाय में असुरक्षा की भावना भी बढ़ी है । अब देखना है कि प्रशासन कितनी तेज़ी से अपराधियों को पकड़ पाते हैं और पीड़ित परिवार को न्याय दिला पाते है।