Akshaya Tritiya 2025 : सुख समृद्धि की सौगात देने वाला अक्षय तृतीया पर्व अब कुछ ही पल दूर है। वैशाख माह में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी शुभ कार्य किया जाता है उसका अक्षय फल मिलता है। अक्षय तृतीया के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है।
आइये जानते हैं अक्षय तृतीया क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है..
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya ) को हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के छठवें अवतार परशुराम का जन्मदिवस माना जाता है।वही धार्मिक मान्यता के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहते हैं। और ये भी कहा जाता है कि आज के दिन शुभ कार्य और पुण्य प्राप्ति के लिए अक्षय तृतीया को सबसे उत्तम तिथि मानी जाती है.
इस दिन दान पुण्य और सोने की खरीदारी का खास महत्व होता है। हालांकी इस बार अक्षय तृतीया की शुरुआत 29 अप्रैल को हो रही है जबकी इसका समापन 30 अप्रैल को हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अक्षत तृतीया के दिन 17 साल बाद महासंयोग बनने जा रहा है। इस दिन शुभ सहयोग में संपत्ति से जुडे काम करने से कई गुना फ़ायदा मिलता है, और माना ये भी जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना, दान करना, ब्राह्मणों को भोजन करवाना, यज्ञ और ईश्वर की उपासना जैसा तमाम कार्य इस तिथि पर फल दाई है।
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