Madhubani: मधुबनी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (सीपीएम) की जिला कमिटियों के नेतृत्व में एक विशाल जुलूस निकाला गया। यह जुलूस टॉऊन क्लब मैदान से प्रारंभ होकर स्टेशन रोड, बाटा चौक, थाना मोड़ होते हुए समाहरणालय पहुंचा, जहां यह एक जनसभा में तब्दील हो गया। हजारों की संख्या में लोगों ने लाल झंडे के साथ डबल इंजन सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
सभा की शुरुआत में 20 मार्च 1990 को हरलाखी प्रखंड कार्यालय पर लोकतंत्र बचाओ आंदोलन में शहीद हुए पांच अमर वीरों – योगेन्द्र मुखिया, जय शंकर साहु, राम ललित महतो, बौकु सदाय और राम अवतार महतो को श्रद्धांजलि दी गई। इस सभा की अध्यक्षता सीपीआई के मिथिलेश झा और सीपीएम के मनोज कुमार यादव ने की।
मोदी-नीतीश सरकार पर जमकर बरसे वाम नेता
सभा को संबोधित करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव एवं पूर्व विधायक राम नरेश पांडे ने मोदी और नीतीश सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार में जनता की स्थिति दयनीय हो गई है। बिहार में अपराधियों का मनोबल चरम पर है और प्रशासन बेलगाम हो चुका है। किसानों और मजदूरों के हालात बद से बदतर हो चुके हैं।” उन्होंने सभी गरीब परिवारों को 10 डिसमिल जमीन का पट्टा देने, किसानों को सिंचाई, बिजली और औद्योगिक विकास की सुविधाएं प्रदान करने की मांग की।
सीपीएम के बिहार राज्य सचिव ललन चौधरी ने कहा कि मधुबनी लाल झंडे का गढ़ रहा है और आज का यह जनसैलाब इस बात का प्रमाण है कि बिहार में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा, “डबल इंजन सरकार में किसानों की आत्महत्याएं बढ़ रही हैं, जबकि बड़े उद्योगपतियों को खुली छूट दी जा रही है।” उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आलोचना करते हुए कहा कि नए नियमों के तहत गैर-रैयत किसानों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने किसानों की ऋण माफी, एमएसपी लागू करने और बंद पड़े उद्योगों को पुनः चालू करने की मांग की।
जनकल्याणकारी योजनाओं की मांग
सीपीआई के जिला सचिव मिथिलेश झा ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने, सभी को 35 किलो अनाज की गारंटी देने, स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक लगाने और 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की मांग की। वहीं, सीपीएम के जिला सचिव मनोज कुमार यादव ने जन आंदोलनों पर हो रहे हमलों की निंदा की और कहा कि यह लोकतंत्र के लिए घातक है। उन्होंने अल्पसंख्यक विद्यालय निर्माण, ई-रिक्शा चालकों के लिए स्टैंड बनाने, दुर्घटना बीमा योजना लागू करने और अवैध उगाही पर रोक लगाने की मांग की।
अन्य वक्ताओं ने सम्पूर्ण जिला में नल-जल योजना में हो रही धांधली की जांच करने, श्रम संहिता को निरस्त करने, सभी योजना कर्मियों को स्थाई करने और वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत पेंशन को ₹3000 प्रतिमाह करने की मांग की।
नेताओं ने दिया एकजुटता का संदेश
सभा को सीपीआई और सीपीएम के कई वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया, जिनमें मनोज मिश्र, राम नारायण यादव, रातेश कुमार पाण्डेय, लक्ष्मण चौधरी, सुर्य नारायण महतो, उपेन्द्र सिंह, जामून पासवान, राजश्री किरण, वाल कृष्ण मंडल, मो. जहांगीर, सूर्य नारायण यादव, राम नरेश यादव, राम लखन यादव, सत्यनारायण यादव, शशिभूषण प्रसाद, गणपति झा, बाबू लाल महतो, दिलीप झा, प्रेम कांत दास, उमेश राय, विनोद मंडल, अशोक यादव, जितेन्द्र यादव, रामकृष्ण यादव, विन्दु यादव, मनोज महतो, हिरा पासवान, कैलाश पासवान और रेखा देवी शामिल थे। सभा के दौरान वक्ताओं ने एक सुर में कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है और डबल इंजन सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
सुमित कुमार राउत की रिपोर्ट