Madhubani: रमजान के आखिरी जुमे की नमाज शुक्रवार को मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र की विभिन्न मस्जिदों में अदा की गई। औंसी, परसौनी, बिस्फी, कठैला, नरसाम, तिसी, बाॅका, रथौस, उसराही, रघेपुरा, भैरवा सहित दर्जनों मस्जिदों में इस मौके पर भारी भीड़ देखी गई। इस विशेष मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने वक्फ तरमीमी बिल के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की।
इस विरोध का उद्देश्य सरकार तक यह संदेश पहुँचाना था कि वक्फ संपत्तियों में किसी प्रकार की छेड़छाड़ स्वीकार नहीं की जाएगी। प्रखंड क्षेत्र की लगभग सभी मस्जिदों में यह नजारा देखने को मिला, जहां नमाजियों ने अपनी एकजुटता और धार्मिक संकल्प को दर्शाया।
रमजान का अंतिम चरण और ईद की तैयारियां
माह-ए-रमजान अब अपने अंतिम चरण में है और इसके साथ ही ईद की तैयारियां जोरों पर हैं। आगामी 31 मार्च को ईद का जश्न मनाया जाएगा। इसके चलते सिमरी, औसी, भैरवा, नूरचक, मिल्लत चौक सहित कई बाजारों में जबरदस्त भीड़ देखी गई। खासकर युवा वर्ग में इस त्योहार को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है।
संयम और भाईचारे का संदेश
शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष नूर आलम, आरिफ जिलानी अंबर, मो. साबिर, मो. चांद, मो. नुरुल्लाह अंसारी, मो. इफ्तेखार अहमद, मो. आले, मो. कलीमुद्दीन शम्स और मो. मुन्ना ने रमजान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह महीना इंसान को संयम और अनुशासन सिखाता है। भूख, प्यास और इच्छाओं पर नियंत्रण रखना ही रोजे का मुख्य उद्देश्य है। यह माह इंसान को दूसरों के दुख-दर्द को समझने और उनकी मदद करने की सीख देता है।
उन्होंने कहा कि रमजान सिर्फ रहमतों और बरकतों का वक्त नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता को प्रेम, भाईचारे और इंसानियत का संदेश भी देता है। इस महीने में की गई इबादत और नेक कार्य जीवन को सकारात्मक दिशा देते हैं और समाज में सौहार्द को बढ़ावा देते हैं।
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