Madhubani News: मधुबनी जिले के खजौली थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में सोमवार को वट सावित्री का पर्व धूमधाम से मनाया गया. सोमवार को सुहागिन महिलाओं ने सावित्री वट व्रत रखा। विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। इस काल में वट वृक्ष की पूजा का विधान बनाया गया। इसको लेकर सुबह से ही महिलाएं बरगद के पेड़ पर जमा हो गयीं. खजौली थाना परिसर, रेलवे स्टेशन, मंगती महादेव मंदिर परिसर, मनियरवा गांव स्थित महादेव मंदिर परिसर आदि स्थानों पर महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना की.
शहर-कस्बों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी महिलाओं ने व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और उनसे सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा। महिलाएं सुबह जल्दी ही तैयार हो गईं और घर में पकवान बनाकर बरगद के पेड़ के नीचे पहुंच गईं और पूजा-अर्चना शुरू कर दी। महिलाओं ने अक्षत और रोली से तिलक करने के बाद पंचामृत से भगवान विष्णु की पूजा की। महिलाओं ने वट वृक्ष के चारों ओर धागा बांधकर अखंड सौभाग्य की कामना करते हुए व्रत रखा। महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर अपने पति की लंबी उम्र के साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि की कामना की।
पूजा के बाद महिलाओं ने पंडित जी से वट सावित्री की कथा सुनी। सुबह से ही बरगद के पेड़ के नीचे महिलाओं की भीड़ जुटने लगी थी. महिलाओं ने वट वृक्ष की परिक्रमा कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। इस मौके पर महिलाओं ने बताया कि हिंदू धर्म में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री व्रत रखती हैं. यह त्योहार हर साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को आता है। इस दिन वट सावित्री व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है.
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इसलिए इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य पूर्ण होते हैं। इस पूजा को करने के लिए विशेष विधि-विधान है, जिसका पालन सख्ती से किया जाता है। वट सावित्री के पूजन सामग्री में बांस का पंखा, लाल कलावा, सुहाग का समान, मूर्तियां, धूप, दीप, घी, कच्चा सूत, चना, बरगद का फल, जल से भरा कलश आदि शामिल करना चाहिए।
सुमित कुमार राऊत की रिपोर्ट