Darbhanga News: बिरोल प्रखंड में लंबे समय से व्याप्त जल संकट को लेकर मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU) के नेतृत्व में सोमवार को एक शांतिपूर्ण लेकिन प्रभावशाली जन प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस आंदोलन का नेतृत्व प्रदेश सचिव नवीन साहनी ने किया, जिसमें हज़ारों स्थानीय नागरिकों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लेकर प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि सात दिनों के भीतर ठोस क़दम नहीं उठाए गए तो आंदोलन का अगला चरण अधिक तीव्र होगा।
बिरोल प्रखंड के दर्जनों गांवों में नल-जल योजना महज़ काग़ज़ों पर सिमट कर रह गई है। वार्डों में पाइपलाइनें टूटी पड़ी है,
जल टंकियां वर्षों से सूखी हैं, और मोटरें महीनों से ख़राब। इस स्थिति में ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। इस गंभीर समस्या को उजागर करने के लिए ही MSU ने यह लोकतांत्रिक प्रदर्शन आयोजित किया।
मिथिलावादी आंदोलन के वरिष्ठ नेता विद्या भूषण राय ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा,
“ यह सिर्फ़ जल संकट नहीं है यह मानवीय गरिमा, जन स्वास्थ्य और संविधान में प्रदत्त मूल अधिकारों का हनन है। अगर पानी जैसी मूलभूत सेवा भी सरकार नहीं दे सकती तो जनता को मजबूरन सड़कों पर उतरना ही होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार की बहुप्रचारित नल-जल योजना ज़मीनी स्तर पर पूरी तरह विफल है । उन्होंने प्रशासन से मांग की कि जल संकट का “अतिशीघ्र” निदान किया जाए।
आंदोलन की प्रमुख मांगे
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से समझ पांच प्रमुख मांगे रखी है जैसे:
॰ हर पंचायत और बोर्ड में नल जल योजना की तत्काल मरम्मत और संचालन
॰ ख़राब पंप मोटरों की जगह नई मोटरों की स्थापना और जलस्रोतों की बहाली
॰ स्थायी जल आपूर्ति के लिए वैकल्पिक और आधुनिक व्यवस्थाओं का विकास
॰ जल संकट प्रभावित इलाकों की विशेष पहचान कर राहत व पुर्नवास कार्यक्रम लागू हो
॰ पेयजल की गुणवत्ता की नियमित जांच और जल-जन स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों का आयोजन
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साथ ही MSU ने स्पष्ट रूप से चेताया कि यदि सात दिनों में ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो, अनुमंडल कार्यालय का घेराव और विस्तृत जन आंदोलन किया जाएगा। साथ ही प्रदेश सचिव नवीन साहनी ने कहा,
“ सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह नागरिकों को स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल मुहैया कराए। अगर यह न्यूनतम सेवा भी देने में असफल रहती है, तो हम चुप नहीं बैठ सकते। मिथिला अब अन्याय सहन नहीं करेगी ।”
इस अवसर पर MSU के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश भारद्वाज, राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र कुमार, जिला संयोजक सत्यम सिंह , प्रखंड अध्यक्ष प्रियांशु मिश्रा ,युवा नेता गोपाल चौधरी और विद्या भूषण रॉय की गरिमामयी उपस्थिति ने आंदोलन को नई ऊर्जा तीळ इनके साथ-साथ सैकड़ों स्थानीय कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल हुए।
इस प्रदर्शन में मो. कलाम, अजय सिंह, उमेश साहू, वसीम, राज शहजादा, शिवम प्रणब, मुकेश मुखिया, नौशाद आलम, रामबाबू यादव, बैद्यनाथ शर्मा, बैजू मंडल, मुरारी मंडल, रमेश राय, मो. जफर, मो. अलाउदीन, मिथिलेश पासवान, रणधीर चौपाल, सुरेश ठाकुर, अशोक साह, शिवकुमार सिंह सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे।
MSU का संकल्प
मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने दोहराया कि संगठन जनहित के मुद्दों पर बिना भेदभाव और भय के लोकतांत्रिक तरीक़े से संघर्ष करता रहेगा। चाहे शिक्षा हो स्वास्थ्य हो या जल संकट— MSU हर मोर्चे पर जनता के साथ खड़ा रहेगा।